पाठ “शरीर सबसे बड़ी पूँजी” JKBOSE के कक्षा 3 (JKBOSE Class 3rd Hindi) की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 3 हिंदी (Bhasha Prwah Class 3rd Hindi) का दूसरा पाठ है। यह पोस्ट Sharer Sabse Badi Punji Class 3 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ “शरीर सबसे बड़ी पूँजी” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Prarthna Class 3 Hindi Chapter 1 Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Sharer Sabse Badi Punji Class 3 Question Answers
Sharer Sabse Badi Punji Class 3 Word Meaning (शरीर सबसे बड़ी पूँजी शब्दार्थ)
शब्द | अर्थ |
---|---|
हट्टा-कट्टा | स्वस्थ। |
कोप | क्रोध। |
अंग | भाग। |
प्रचुर | बहुत अधिक। |
सम्पत्ति | धन-दौलत। |
रत्न-भण्डार | हीरों का ढेर। |
सदुपयोग | अच्छे कार्य में उपयोग करना। |
दरिद्र | गरीब। |
Sharer Sabse Badi Punji Chapter Summary (शरीर सबसे बड़ी पूँजी पाठ का सार)
एक दिन एक बलशाली व्यक्ति किसी महात्मा के पास आया और बोला, “भगवान ने औरों को तो बहुत धन दिया है, लेकिन मुझे कुछ भी नहीं। कृपया आप मुझ पर कुछ कृपा करें, जिससे मुझे भी धन मिल सके।”
महात्मा मुस्कुराए और बोले, “जो कुछ तेरे पास है, उसे बेच दे। इससे तुझे बहुत सारा धन मिल जाएगा।” वह व्यक्ति हैरानी से बोला, “मेरे पास तो कुछ भी नहीं है बेचने को।”
महात्मा ने उसकी ओर देखा और कहा, “ठीक है, अपनी एक आँख मुझे दस हज़ार रुपए में दे दे।” यह सुनकर व्यक्ति तुरंत मना कर दिया। फिर महात्मा ने कहा, “चलो, अपना एक हाथ दस हज़ार रुपए में दे दो।” व्यक्ति ने झट से इंकार कर दिया।
महात्मा ने मुस्कुराते हुए आगे कहा, “तो फिर अपना एक पैर बेच दो, मैं तुझे दस हज़ार रुपए दूँगा।” परंतु व्यक्ति इसके लिए भी तैयार नहीं हुआ। इस प्रकार महात्मा ने एक-एक करके शरीर के अलग-अलग अंगों को खरीदने का प्रस्ताव रखा, लेकिन वह व्यक्ति किसी भी अंग को बेचने के लिए राज़ी नहीं हुआ।
आखिर में महात्मा ने गंभीरता से कहा, “देख, मैंने तुझसे दस-दस हज़ार रुपए में तेरे दस अंग माँगे। यदि तू बेचता तो एक लाख रुपए की पूँजी तेरे पास होती। यह सब ईश्वर ने तुझे दिया है। तो फिर तू गरीब कैसे है?”
महात्मा ने आगे कहा, “भगवान ने तुझे यह बहुमूल्य शरीर दिया है, जो किसी भी धन से अधिक मूल्यवान है। इसे सही दिशा में लगा। परिश्रम कर, अपने हाथ-पैरों का उपयोग कर और धन कमाकर प्रसन्न रह। याद रख, मेहनत से ही असली धन और संतोष मिलता है।”
Sharer Sabse Badi Punji Class 3rd Question Answers
श्रतुलख
दरिद्र, मनुष्य, भगवान्, रुपए, पूँजी, शरीर, अंग, आँख, ईश्वर, हट्टा-कट्टा, परिश्रम, धन, प्रसन्न, सम्पत्ति, भंडार, सदुपयोग, प्रचुर ।
उत्तर- विद्यार्थी इन शब्दों को कंठस्थ करके इन्हें अपनी कापी पर लिखें।
पाठ को समझें-
(1) चित्र देखकर सही शब्द लिखिए-
उत्तर – आँख
उत्तर – हाथ
उत्तर – सम्पत्ति
उत्तर – महात्मा
उत्तर- पैर
उत्तर- भगवान्
(2) मिलान कीजिए-
ईश्वर दरिद्र
अंग साधु (श्रेष्ठ व्यक्ति)
गरीब क्रोध
सम्पत्ति तन
महात्मा भाग
कोप भगवान्
शरीर धन-दौलत
उत्तर-
ईश्वर भगवान्
अंग भाग
गरीब दरिद्र
सम्पत्ति धन-दौलत
महात्मा साधु (श्रेष्ठ व्यक्ति)
कोप क्रोध
शरीर तन
(3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
मौखिक –
(क) क्या हमें अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर- हाँ, हमें हमेशा अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए।
(ख) इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है ?
उत्तर- हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने शरीर रूपी बहुमूल्य रतन भंडार को स्वस्थ रखकर और इसका सदुपयोग करके हम कभी भी दरिद्र नहीं रह सकते हैं।
लिखित-
(क) हट्टा-कट्टा मनुष्य महात्मा के पास क्यों गया?
उत्तर- हट्टा-कट्टा मनुष्य महात्मा से प्रार्थना करने गया था कि भगवान् ने उसे कुछ नहीं दिया परन्तु आप कुछ ऐसी कृपा करें कि मुझे भी धन मिल जाए।
(ख) महात्मा ने उस मनुष्य को क्या सलाह दी?
उत्तर – महात्मा ने कहा कि जो कुछ तेरे पास है उसे बेच दे जिससे तुझे बहुत सा धन मिल जाएगा।
(ग) भगवान् ने मनुष्य को कौन-से बहुमूल्य रत्नों का भण्डार दिया है?
उत्तर- भगवान् ने मनुष्य को शरीर रूपी (विभिन्न अंग) बहुमूल्य रत्नों का भण्डार दिया है।
(घ) संसार में कौन दरिद्र नहीं रह सकता?
उत्तर-संसार में जो शरीर रूपी बहुमूल्य रत्न भण्डार को स्वस्थ रखता और इसका सदुपयोग करने वाला व्यक्ति कभी भी दरिद्र नहीं रह सकता।
(ङ) महात्मा ने मनुष्य से क्या खरीदना चाहा?
उत्तर- महात्मा एक आँख, एक हाथ, एक पैर और शरीर के अनेक अंग दस-दस हज़ार में खरीदना चाहता है।
(4) रिक्त स्थान भरिए-
(क) आप मुझ पर ……….. कृपा करें ……….. मुझे भी ……….. मिल जाए।
(ख) ईश्वर ने मुझे ……….. नहीं दिया ……….. मैं अपना गुज़ारा कर सकूँ ।
(ग) अपनी एक ……….. मुझे दे दे, मैं तुझे ……….. दिलवा दूँगा।
(घ) ईश्वर ने ……….. का भण्डार ……….. तुझे दिया है। इसे ……….. लगा।
उत्तर-
(क) आप मुझ पर कुछ ऐसी कृपा करें जिससे मुझे भी धन मिल जाए।
(ख) ईश्वर ने मुझे कुछ भी नहीं दिया जिसे बेच कर मैं अपना गुजारा कर सकूँ।
(ग) अपनी एक आँख मुझे दे दे, मैं तुझे दस हज़ार रुपये दिलवा दूँगा ।
(घ) ईश्वर ने प्रचुर सम्पत्ति का भण्डार यह शरीर तुझे दिया है। इसे काम में लगा।
(5) निम्नलिखित शब्दों के उलटे (विलोम) शब्द लिखिए-
(क) हट्टा-कट्टा — दुर्बल (उदाहरण)
(ख) गरीब — …………..
(ग) महात्मा — …………..
(घ) बेचना — …………..
(ङ) सदुपयोग — …………..
(च) स्वस्थ — …………..
उत्तर-
(क) हट्टा-कट्टा — दुर्बल (उदाहरण)
(ख) गरीब — अमीर
(ग) महात्मा — दुरात्मा
(घ) बेचना — खरीदना
(ङ) सदुपयोग — दुरुपयोग
(च) स्वस्थ — अस्वस्थ
(6) भाषा को समझें-
किसने, किससे कहा? लिखिए-
(क) “आप मुझ पर कुछ ऐसी कृपा करें जिससे मुझे भी धन मिल जाए।“
उत्तर – यह पंक्तियाँ हट्टे-कट्टे मनुष्य ने महात्मा से कहीं।
(ख) “अपनी एक आँख मुझे दे दो।”
उत्तर- यह पंक्तियाँ महात्मा ने हट्टे-कट्टे मनुष्य से कहीं।
(ग) “मेरे पास तो कुछ भी नहीं है।”
उत्तर- यह पंक्तियाँ हट्टे-कट्टे मनुष्य ने महात्मा से कहीं ।
(घ) “दस-दस हज़ार रूपए में मैंने तुझसे दस चीजें माँगी।”
उत्तर- यह पंक्तियाँ महात्मा ने हट्टे-कट्टे मनुष्य से कहीं।
(ङ) “ईश्वर ने प्रचुर सम्पत्ति का भण्डार, यह शरीर तुझे दिया है, इसे काम में लगा।“
उत्तर-यह पंक्तियाँ महात्मा ने हट्टे-कट्टे मनुष्य से कहीं ।
(7) निम्नलिखित वाक्यों में सर्वनाम शब्दों पर गोला O लगाइए-
(क) अपनी एक आँख मुझे दे दो।
(ख) आप मुझ पर कृपा करें।
(ग) जो कुछ तेरे पास है, उसे बेच दो।
(घ) मैं तुझे दस हज़ार रुपए दिलवा दूँगा।
(ङ) इस प्रकार महात्मा ने उससे एक-एक कर शरीर के अनेक अंग माँगे ।
(च) मैंने तुझसे दस चीजें माँगी, एक लाख रुपए की पूँजी तो ये ही हो गई।
(छ) यह शरीर तुझे दिया है, इसे काम में लगा।
(ज) वह मनुष्य अपना कोई अंग बेचने को तैयार नहीं हुआ।
उत्तर-
(8) रचनात्मक कार्य :
सभी छात्र अपनी परियोजना-पुस्तिका में अध्यापक एवं माता-पिता से परामर्श कर पाँच ज्ञानेन्द्रियों के नाम तथा उनके कार्य लिखिए।
उत्तर- 1. त्वचा- त्वचा से हमें स्पर्श, पीड़ा, गर्मी, सर्दी का एहसास होता है।
- जीभ-जीभ से हमें किसी वस्तु के स्वाद का एहसास होता है।
- नाक-नाक से हमें वस्तु की गंध का एहसास होता है।
- कान-कान से हम ध्वनियों को ज्ञान कर सकते हैं ।
- आँखें-आँखों से हम प्रत्येक वस्तु को देख सकते हैं।
(9) जीवन कौशल:
इस कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? इस पर अपने मित्रों से चर्चा करें।
उत्तर-इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने शरीर रूपी इस बहुमूल्य रत्न-भण्डार को स्वस्थ रखते हुए इसका सदुपयोग करने वाला कभी दरिद्र नहीं रह सकता।
Sharer Sabse Badi Punji Class 3 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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