पाठ “चुनौती हिमालय की” JKBOSE के कक्षा 5 (Class 5th of JKBOSE) के छात्रों की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 5 हिंदी का तेरहवाँ अध्याय है। यह पोस्ट Chanoti Himalaya Ki Class 5 Hindi Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ “चुनौती हिमालय की” के शब्दार्थ, सरलार्थ और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Yog Aur Vyam Ka Mehtav Class 5 Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Chanoti Himalaya Ki Class 5 Hindi Question Answers
Chanoti Himalaya Ki Class 5 Word Meanings
शब्द | अर्थ |
---|---|
आकर्षित | अपनी ओर खींचना |
नवयुवक | जवान व्यक्ति |
तादाद | संख्या |
प्रश्नसूचक | प्रश्नभरी |
हादसा | दुर्घटना |
आपत्ति | मुसीबत |
पेंग | झूले में झूलना |
उत्सुक | जानने की इच्छा रखना |
वादियाँ | पहाड़ियाँ |
तड़के | सुबह-सुबह |
ऊबड़-खाबड़ | कहीं से ऊपर, कहीं से नीचे; एक जैसा न होना |
लालिमा | सूरज की पहली किरणों से फैला प्रकाश |
असलियत | सच में |
कालिमा | रात का अंधेरा |
ओझल | दिखाई न देना |
उजाड़ | वीरान |
तरोताज़ा | उत्साह से भर देना |
ग्लेशियर | वर्फ के पहाड़ |
उपचार | इलाज़ |
गाइड | रास्ता बताने वाला |
दूभर | मुश्किल |
दुर्गम | कठिन, जहाँ हम पहुँच न सकें, |
वीराना | सुनसान |
गड़रिया | पशु चराने वाला |
जोज़ीला पास | हिमालय में एक ऊँचा पहाड़ी दर्रा है |
प्रश्नसूचक | कोई बात सवाल के रूप में पूछना |
कालिमा | कालापन स्याही |
पठार | धरती से ऊपर उठी हुई समतल जगह |
ग्लेशियर | गतिशील बर्फ की परत |
अमरनाथ | एक प्रमुख तीर्थस्थल |
खाई | जमीन के बीच मे कोई गहरी जगह |
चट्टान | खनिज पदार्थों से बनी हुई पथरीली सतहें |
वनस्पति | जमीन से उगने वाले पेड़-पौधे, लताएँ आदि। |
Chanoti Himalaya Ki Class 5 Hindi Explanation
एक बार जवाहरलाल नेहरू अपने चचेरे भाई के साथ कश्मीर घूमने आए। वहाँ से उन्होंने अमरनाथ जाने का निश्चय किया। जब वे मातयान पहुँचे, तो एक कुली ने उन्हें बताया कि अमरनाथ अभी आठ मील दूर है और आगे का रास्ता बहुत कठिन और खतरनाक है। लेकिन यह सुनकर भी नेहरू जी ने अपना इरादा नहीं बदला और यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया।
अगले दिन सुबह वे अमरनाथ के लिए निकल पड़े। चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ थे, जो अत्यंत सुंदर लग रहे थे। तेज ठंडी हवाएँ चल रही थीं, जो शरीर को अंदर तक महसूस हो रही थीं। वे सभी रस्सियों से बँधकर पहाड़ पर चढ़ाई कर रहे थे। जवाहरलाल नेहरू बहुत उत्साह और जोश में आगे बढ़ रहे थे।
रास्ता सुनसान था, और जैसे-जैसे वे ऊँचाई पर पहुँच रहे थे, शरीर में तनाव बढ़ने लगा। कुछ समय बाद बर्फ गिरने लगी, जिससे चलना और भी कठिन हो गया। उस समय करीब बारह बज रहे थे, और वे 16,000 फीट की ऊँचाई पर पहुँच चुके थे। लेकिन थकान के बजाय उनमें ऊर्जा बनी रही, और वे दूसरों का भी हौसला बढ़ाते रहे।
आगे एक समतल मैदान था, जो पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ था। इस इलाके में फिसलन बहुत थी, जिससे चलना बेहद मुश्किल हो गया था। अचानक, जवाहरलाल नेहरू का पैर फिसल गया, और वे रस्सी से बँधे होने के कारण हवा में झूलने लगे। उनके भाई और कुली ने ऊपर से रस्सी खींचनी शुरू की, जबकि नेहरू जी ने चट्टान पर पैर जमाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद वे सफल हो गए, लेकिन रस्सी खींचते-खींचते उनके भाई और कुली के हाथ भी घायल हो गए थे। फिर भी, इस घटना से नेहरू जी का उत्साह कम नहीं हुआ, और वे आगे बढ़ने लगे।
हालाँकि, आगे का रास्ता बेहद कठिन था और उनके पास जरूरी सामान भी नहीं था। इस कारण, उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। हिमालय की इन ऊँची-ऊँची पहाड़ियों ने नेहरू जी को हमेशा आकर्षित किया, और यह रोमांचक सफर उनकी यादों में हमेशा बना रहा।
Chanoti Himalaya Ki Class 5 Hindi Question Answers
अभ्यास (1)
कहाँ क्या है
(क) लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश है। ऊपर दिए भारत के नक्शे में ढूँढो कि लद्दाख कहाँ है और तुम्हारा घर कहाँ है?
उत्तर:- छात्र इसे स्वयं करे।
(ख) अनुमान लगाओ कि तुम जहाँ रहते हो वहाँ से लद्दाख पहुँचने में कितने दिन लग सकते है और वहाँ किन-किन ज़रियों से पहुँचा जा सकता है?
उत्तर:- मैं जम्मू में रहती हूँ। यहाँ से लद्दाख एक डेढ़ दिन में पहुँचा जा सकता है। हम अपनी गाड़ी द्वारा, हवाई जहाज तथा बस से जा सकते हैं।
वाद-विवाद
(क) बर्फ से ढके चट्टानी पहाड़ों के उदास और फीके लगने की क्या वजह हो सकती थी?
उत्तर:- क्योंकि वहाँ दूर-दूर तक कोई नहीं था अर्थात् हर जगह वीराना छाया था।
(ख) बताओ, ये जगहें कब उदास और फीकी लगती है और यहाँ कब रौनक होती है।
घर बाज़ार स्कूल खेत
उत्तरः-
जगह | उदास और फीके | रौनक |
---|---|---|
1. घर | जब बच्चे स्कूल या बाहर गए होते हैं। | जब बच्चे घर में होते हैं। |
2. बाजार | गर्मियों में दोपहर के मौसम में और अंधेरा होने पर। | किसी त्योहार के दिन, विवाह, शदियों के अवसर पर। |
3. स्कूल | जब स्कूल की छुट्टी हो जाती है और जिस दिन स्कूल बंद होता है। | जब स्कूल लगा होता है। |
4. खेत | जब खेतों में कोई काम नहीं करता। | जब खेतों में किसान काम कर रहे होते हैं। |
प्रश्न 2. ‘जवाहरलाल को इस कठिन यात्रा के लिए तैयार नहीं होना चाहिए।‘ तुम इससे सहमत हो तो भी तर्क दो, नहीं हो तो भी तर्क दो। अपने तर्कों को तुम कक्षा के सामने प्रस्तुत भी कर सकते हो।
उत्तर:- मैं भी इससे सहमत हूँ कि जवाहर लाल को इस कठिन यात्रा के लिए तैयार नहीं होना चाहिए क्योंकि उनके पास जरूरी सामान नहीं था, जिससे वह इन खतरनाक रास्तों पर आसानी से चल सकें। पर उनका जोश सचमुच किसी को भी इन दुर्गम रास्तों पर चलने के लिए ललचा दे। ऐसे रास्तों पर चलने के लिए जरूरी सामान का पास होना बहुत जरूरी है।
कोलाज
‘कोलाज’ उस तस्वीर को कहते हैं जो कई तस्वीरों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक कागज़ पर चिपका कर बनाई जाती है।
- तुम मिलकर पहाड़ों का एक कोलाज बनाओ। इसके लिए पहाड़ों से जुड़ी विभिन्न तस्वीरें इकट्टे करो – पर्वतारोहण, चट्टान, पहाड़ों के अलग-अलग नज़ारे, चोटी, अलग-अलग किस्म के पहाड़। अब इन्हें एक बड़े से कागज़ पर पहाड़ के आकार में ही चिपकाओ। यदि चाहो तो ये कोलाज तुम अपनी कक्षा की एक दीवार पर भी बना सकते हो।
उत्तर- छात्र इसे स्वंय करें।
तुम्हारी समझ में
प्रश्न 1. इस वृत्तांत को पढ़ते-पढ़ते तुम्हें भी अपनी कोई छोटी या लंबी यात्रा याद आ रही हो तो उसके बारे में लिखो।
उत्तर:- एक बार मैं अपने माता-पिता के साथ गर्मियों कि छुट्टियों में हिमाचल प्रदेश घूमने गई। जैसे ही हम हिमाचल प्रदेश पहुँचे रास्ता बहुत खतरनाक एवं घुमावदार हो गया। सड़क के दोनों तरफ ऊँचे-ऊँचे पहाड़ थे। जो बर्फ से ढके हुए थे, रास्ते के दृश्य देखने लायक थे। थोड़ी ही देर में हम अपने होटल पहुँच गए। काफी लम्बे रास्ते के बाद हम थक चुके थे और सो गए। अगले दिन हम सुबह उठकर बाहर घूमने गए. यहाँ हम तीन चार दिन रहे और हमने वहाँ बहुत मज़े किए और बहुत खरीदारी की।
प्रश्न 2. जवाहरलाल को अमरनाथ तक का सफ़र अधूरा क्यों छोड़ना पड़ा?
उत्तरः- क्योंकि आगे रास्ता बहुत दुर्गम था और उनके पास जरूरी सामान भी नहीं था जिसके बिना रास्ते पर चलना संभव ही नहीं था। इसलिए उन्हें सफर अधूरा ही छोड़ना पड़ा।
प्रश्न 3. जवाहर लाल, किशन और कुली सभी रस्सी से क्यों बँधे थे?
उत्तरः- यदि वे पहाड़ से किसी कारण नीचे गिर जाएँ तो वह रस्सी के सहारे लटके रहेंगे और उन्हें बचाया जा सकेगा।
प्रश्न 4. (क) पाठ में नेहरू जी ने हिमालय से चुनौती महसूस की। कुछ लोग पर्वतारोहण क्यों करना चाहते हैं?
उत्तरः- कुछ लोग पर्वतारोहण मनोरंजन के लिए, कुछ अपने शौक के लिए करना चाहते हैं। परन्तु आजकल कुछ लोगों की जीविका का साधन भी बन चुका है।
(ख) ऐसे कौन-से चुनौती भरे काम हैं जो तुम करना पसंद करोगे?
उत्तरः-
- स्कूल के लिए इंटर स्कूल प्रतियोगिता में इनाम लाना।
- पहाड़ पर चढ़ना।
- गरीब बच्चों को अपनी पुरानी पुस्तकें देकर उन्हें पढ़ाना।
- अपने मोहल्ले के बच्चों के साथ मिलकर त्योहारों पर पेड़ लगाना।
- गरीब बच्चों के माता-पिता को उनके बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाना।
बोलते पहाड़
- उदास फीके बर्फ से ढके चट्टानी पहाड़
– हिमालय की दुर्गम पर्वतमाला मुँह उठाए चुनौती दे रही थी।
– “उदास होना” और “चुनौती देना” मनुष्य के स्वभाव हैं। निर्जीव पहाड़ ऐसा कर रहे हैं ।
ऐसे और भी वाक्य हैं। जैसे-
– बिजली चली गई।
– चाँद ने शरमाकर अपना मुँह बादलों के पीछे कर लिया ।
इस किताब के दूसरे पाठों से ऐसे वाक्य ढूँढ़ो।
उत्तर:-
- भूख से उसका पेट कुलबुला रहा था।
- बच्चे को निराश देख माँ छटपटा रही थी।
- हम रोज सिर्फ मिर्ची के सालन खाते हैं।
- फसल खेत में पूरी तरह तैयार खड़ी थी।
- दूर दस दिन से सूरज लापता था।
एक वर्णन ऐसा भी
पाठ में तुमने जवाहरलाल नेहरू की पहाड़ी यात्रा के बारे में पढ़ा। नीचे एक और पहाड़ी इलाके का वर्णन दिया गया है जो प्रसिद्ध कहानीकार निर्मल वर्मा की किताब ‘चीड़ों पर चाँदनी से लिया गया है। इसे पढ़ो और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो।
“क्या यह शिमला है – हमारा अपना शहर – या हम भूल से कहीं और चले आए हैं? हम नहीं जानते कि पिछली रात जब हम बेखबर सो रहे थे, बर्फ चुपचाप गिर रही थी।
खिड़की के सामने पुराना, चिर-परिचित देवदार का वृक्ष था, जिसकी नंगी शाखों पर रूई के मोटे-मोटे गालों-सी बर्फ चिपक गई थी। लगता था जैसे वह सांता क्लॉज़ हो, एक रात में ही जिसके बाल सन—से सफ़ेद हो गए हैं .. । कुछ देर बाद धूप निकल आती है— नीले चमचमाते आकाश के नीचे बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ धूप सेंकने के लिए अपना चेहरा बादलों के बाहर निकाल लेती हैं।”
प्रश्न (क) ऊपर दिए पहाड़ के वर्णन और पाठ में दिए वर्णन में क्या अंतर है?
उत्तर:- ऊपर दिए पहाड़ के वर्णन में पेड़ों के बारे में भी बताया गया है जबकि इस पाठ में उजाड़ चट्टानों के बारे में बताया गया है।
(ख) कई बार निर्जीव चीजों के लिए मनुष्यों से जुड़ी क्रियाओं, विशेषण आदि का इस्तेमाल होता है, जैसे- पाठ में आए दो उदाहरण “उदास फीके, बर्फ से ढके चट्टानी पहाड़” या “सामने एक गहरी खाई मुँह फाड़े निगलने के लिए तैयार थी।” ऊपर लिखे शिमला के वर्णन में ऐसे उदाहरण ढूँढ़ो।
उत्तर:-
- बर्फ चुपचाप गिर रही थी।
- जिसकी नंगी शाखों पर रूई के मोटे-मोटे गालों सी बर्फ चिपक गई थी।
- बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ धूप सेंकने के लिए अपना चेहरा बादलों के बाहर निकाल लेती है।
अभ्यास (2)
श्रुतलेख
जोज़ीला पास, प्रश्नसूचक, आपत्ति, कालिमा, हरियाली, चुनौती, मनोहर, स्फूर्ति, एकमात्र, खाइयाँ, ऊबड़-खाबड, धरातल, मज़बूती, झटका, ऊँचाइयाँ।
बहुविकल्पीय प्रश्न-
- जोज़ीला पास से आगे चलकर जवाहरलाल कहाँ पहुँचे ?
(क) लद्दाख
(ख) कश्मीर
(ग) मातायन
(घ) अमरनाथ
उत्तर- (ग) मातायन
- जवाहरलाल के साथ अमरनाथ जाने को कौन तैयार हुआ ?
(क) भाई
(ख) किशन
(ग) कुली
(घ) सभी
उत्तर- (ख) किशन
- ‘शाब लौट चलिए’ वाक्य जवाहर लाल को किसने कहा?
(क) कुली ने
(ख) भाई ने
(ग) किशन ने
(घ) किसी ने भी नहीं
उत्तर- (क) कुली ने
- जवाहरलाल कहाँ पर गिर गये थे-
(क) नदी में
(ख) खाई में
(ग) सड़क पर
(घ) कहीं पर भी नहीं
उत्तर- (ख) खाई में
उत्तर प्रश्न
मौखिक प्रश्न-
- जवाहरलाल कहाँ पर जाना चाहते थे?
उत्तर- अमरनाथ गुफा।
- जवाहरलाल किसके साथ कश्मीर घूमने निकले थे?
उत्तर- चचेरे भाई के साथ।
- तिब्बती पठार का दृश्य कैसा था?
उत्तर- तिब्बती पठार का दृश्य निराला था। दूर-दूर तक वनस्पति-रहित उजाड़ चट्टान इलाका दिखाई दे रहा था। उदास, फीके, बर्फ से ढके चट्टानी पहाड़ सुबह की पहली किरणों का स्पर्श पाकर ताज की भाँति चमक उठे। दूर से छोटे-छोटे ग्लेशियर ऐसे लगते, मानो स्वागत करने के लिए पास सरकते आ रहे हों। सर्द हवा के झोंके हड्डियों तक ठंडक पहुँचा रहे थे।
- जवाहर लाल, उनका भाई, किशन और कुली सभी रस्सी पर क्यों बंधे थे?
उत्तरः- यदि वे पहाड़ से किसी कारण नीचे गिर जाएँ तो वह रस्सी के सहारे लटके रहेंगे और उन्हें बचाया जा सकेगा।
लिखित प्रश्न-
- जवाहरलाल कहाँ गये थे और अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए तैयार हुए?
उत्तर- जवाहरलाल जोज़ीला पास से आगे चलकर मातायन पहुँच चुके थे और लद्दाख इलाके की ओर चले गए थे। रास्ते की मुश्किलों के बारे में सुनकर अमरनाथ गुफा के सफर के लिए वे और भी उत्सुक हो गए।
- अमरनाथ की यात्रा करने में जवाहरलाल को क्या-क्या कठिनाइयाँ आई?
उत्तर- चलते-चलते उन्हें एक-एक कदम आगे बढ़ाने में कठिनाई हो रही थी। रास्ता बहुत वीरान था। चारों और सिर्फ पथरीली चट्टानें और बर्फ ही दिखाई दे रही थी। बर्फ पड़ने से फिसलन बढ़ रही थी।
- रस्सी से बंधे जवाहर लाल, कैसे और कहाँ गिर गये?
उत्तर- जवाहरलाल ने सामने देखा एक गहरी खाई मुँह फाड़े निगलने के लिए तैयार थी। उनका पैर फिसला और वे खाई में जा गिरे। रस्सी से बंधे होने के कारण जवाहरलाल हवा में लटक गए।
- खाई में गिर जाने पर जवाहर लाल को कैसे बाहर निकाला गया?
उत्तर- खाई में गिर जाने पर जवाहर लाल रस्सी से बंधे होने के कारण हवा में लटक गए। जवाहरलाल जानते थे फिसलन के कारण ऊपर खींच लेना आसान नहीं होगा। अब उन्होंने खाई की दीवार से उभरी चट्टान को मज़बूती से पकड़ लिया और पथरीली धरातल पर पैर जमा लिए जिससे जवाहरलाल की हिम्मत बढ गई। इस प्रकार वह एक-एक कदम रस्सी पकड़ कर ऊपर की ओर बढ़ने लगे।
सही-गलत चुनिए-
- कुली ने जवाहरलाल को बताया कि अमरनाथ की गुफा लद्दाख में है।
- जवाहरलाल के साथ अमरनाथ यात्रा पर उनका पूरा परिवार गया था।
- तिब्बती पठार के ऊपर बहुत सारे बाज़ार बने हुए हैं।
- आखिरकार बहुत सारी चुनौतियों से जूझने के बाद भी जवाहरलाल अमरनाथ गुफा की यात्रा मे कामयाब नहीं हो पाए।
उत्तर-
- कुली ने जवाहरलाल को बताया कि अमरनाथ की गुफा लद्दाख में है। (x)
- जवाहरलाल के साथ अमरनाथ यात्रा पर उनका पूरा परिवार गया था। (x)
- तिब्बती पठार के ऊपर बहुत सारे बाज़ार बने हुए हैं। (x)
- आखिरकार बहुत सारी चुनौतियों से जूझने के बाद भी जवाहरलाल अमरनाथ गुफा की यात्रा मे कामयाब नहीं हो पाए। (✓)
रिक्त स्थान भरें-
- ………… से आगे चल कर जवाहर लाल मातायन पहुँचे। (जोज़िला पास / अमरनाथ)
- ………… चराने मेरी बेटी चली जाएगी। (गाय /भेड़ें)
- ………… पठार का दृश्य निराला था। (तिब्बती / लदाखी)
- रास्ता बहुत ही ………… था। (बड़ा, वीरान)
- किशन गडेरिया अब ………… बन गया था। (गाइड / नौकर)
उत्तर-
- जोज़िला पास से आगे चल कर जवाहर लाल मातायन पहुँचे।
- भेड़ें चराने मेरी बेटी चली जाएगी।
- तिब्बती पठार का दृश्य निराला था।
- रास्ता बहुत ही वीरान था।
- किशन गडेरिया अब गाइड बन गया था।
रचनात्मक कार्य-
इसको पढ़ते-पढ़ते आपको भी अपनी कोई छोटी या लम्बी यात्रा याद आ रही हो तो उसके बारें में लिखिए।
उत्तर- छात्र इसे स्वंय करें।
Chanoti Himalaya Ki Class 5 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में में साझा करें।
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