पाठ “ईदगाह” JKBOSE के कक्षा 5 (Class 5th of JKBOSE) के छात्रों की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 5 हिंदी का तीसरा अध्याय है। यह पोस्ट Eidgah Chapter 3 Class 5 Hindi Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” फसलों के त्योहार” के शब्दार्थ, सरलार्थ और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Faslun Ke Tyohaar Class 5 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Eidgah Chapter 3 Class 5 Hindi Question Answers
Eidgah Chapter 3 Class 5 Hindi Word Meanings
शब्द | अर्थ |
---|---|
अनगिनत | जिसकी गिनती न की सके |
इंतजार | प्रतीक्षा |
पर | पंख |
धावा | आक्रमण, हमला, हल्ला |
कोष | खजाना |
शान | गर्व |
फायदा | लाभ |
संगियों | साथियों |
उपेक्षा | लापरवाही |
मोहित | आकर्षक |
बहादुर | वीर |
बावर्चीखाना | रसोईघर |
संधि | समझौता |
खूबसूरत | सुन्दर |
दुआ | प्रार्थना, विनती |
अस्थि | हड्डी |
ज्ञात | मालूम, पता |
आनन-फानन | बहुत जल्दी |
स्नेह | प्यार |
मन गदगद होना | बहुत प्रसन्न होना |
चकनाचूर होना | टूट जाना |
Eidgah Chapter 3 Class 5 Summary (पाठ का सार)
ईद का दिन था, चारों ओर खुशियों का माहौल था। आसमान में हल्की लालिमा छाई हुई थी, जैसे सूरज भी सबको ईद की मुबारकबाद दे रहा हो। हर घर में सेवइयों की खुशबू फैल रही थी और सभी लोग ईदगाह जाने की तैयारियों में जुटे थे।
सबसे ज्यादा खुश हामिद था, जो केवल चार-पाँच साल का एक नन्हा बच्चा था। वह अनाथ था—पिछले साल हैजे की वजह से उसके पिता का निधन हो गया था और उसकी माँ भी इस दुनिया में नहीं थी। अब वह अपनी दादी अमीना के साथ रहता था। मासूम हामिद को लगता था कि उसके पिता रोज़ी कमाने और माँ अल्लाह मियाँ के घर से अच्छी चीजें लाने गई हैं। इसलिए वह उदास नहीं था, बल्कि पूरे जोश में था।
दादी अमीना अपने छोटे-से घर में बैठी आँसू बहा रही थी। वह सोच रही थी कि हामिद अकेला कैसे जाएगा? बाकी बच्चे अपने पिताओं के साथ जा रहे थे, लेकिन हामिद को तो खुद ही सफर करना था। ईदगाह दूर थी, वह नंगे पैर कैसे जाएगा? लेकिन उसके पास कोई चारा भी नहीं था। उसने अपने पास बचे तीन पैसे हामिद को दे दिए और खुद के लिए सिर्फ पाँच पैसे रखे, ताकि मेहमानों के लिए कुछ बना सके।
हामिद पूरे जोश और खुशी के साथ गाँव के लोगों के साथ मेले की ओर चल पड़ा। वह सबसे आगे था, मानो उसे पंख लग गए हों। शहर की चहल-पहल, ऊँची इमारतें, हलवाइयों की सजी हुई दुकानें देखकर उसके दोस्त बड़े उत्साहित थे। उन्होंने हामिद से मज़ाक करते हुए कहा कि रात में जिन्नात आएँगे और सारी मिठाइयाँ खरीद लेंगे। हामिद को यह बात समझ नहीं आई और उसने पूछा कि जिन्नात के पास पैसे कहाँ से आते हैं? दोस्त हँसकर बोले कि जिन्नात के लिए कोई भी खजाना पाना मुश्किल नहीं।
थोड़ी देर में सभी ईदगाह पहुँचे। वहाँ लोगों की भीड़ थी, सभी ने नमाज़ अदा की और गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की बधाई दी। इसके बाद बच्चे मेले की ओर दौड़ पड़े। झूले लगे थे, मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ थी और खिलौनों की रंग-बिरंगी दुकानें सजी हुई थीं। हामिद के दोस्त झूले झूल रहे थे, मिठाइयाँ खा रहे थे और खिलौने खरीद रहे थे। लेकिन हामिद ने अपने तीन पैसों को संभालकर रखा, क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह किस चीज़ पर खर्च करे।
खिलौनों की दुकान पर उसके दोस्तों ने सैनिक, घुड़सवार और भिश्ती के खिलौने खरीदे। हामिद ने सोचा कि ये खिलौने तो जल्दी टूट जाएँगे, फिर इनका क्या फायदा? मिठाइयाँ भी कुछ देर बाद खत्म हो जाएँगी। वह आगे बढ़ा और अचानक उसकी नज़र लोहे की दुकान पर पड़ी। वहाँ एक चिमटा रखा था, जिसे देखकर उसे याद आया कि जब उसकी दादी तवे से रोटी उतारती हैं, तो उनके हाथ जल जाते हैं। उसने तुरंत अपने तीन पैसे देकर चिमटा खरीद लिया।
जब उसके दोस्तों ने यह देखा तो वे हँस पड़े। उन्होंने उसका मज़ाक उड़ाया कि ईद के दिन मिठाइयों और खिलौनों की बजाय चिमटा खरीद लाया! लेकिन हामिद ने तर्क दिया कि उनका खिलौना जल्दी टूट जाएगा, मिठाइयाँ खत्म हो जाएँगी, लेकिन चिमटा हमेशा उनके घर में काम आएगा। धीरे-धीरे उसके दोस्त उसकी बातों से सहमत हो गए और चिमटे को बेहद उपयोगी मानने लगे।
जब गाँव वापस पहुँचा, तो उसकी दादी उसे देखकर दौड़ पड़ीं। उसे प्यार से गले लगाया, लेकिन जब उन्होंने उसके हाथ में चिमटा देखा, तो नाराज हो गईं। उन्होंने पूछा कि वह इसे क्यों लाया, जबकि उसने सुबह से कुछ खाया भी नहीं था?
हामिद ने मासूमियत से कहा, “दादी, जब आप रोटी बनाती हैं, तो आपके हाथ जल जाते हैं, इसलिए मैं आपके लिए यह चिमटा लाया हूँ।”
यह सुनकर अमीना का दिल भर आया। उसकी आँखों से आँसू बह निकले, लेकिन वह खुशी के आँसू थे। वह समझ गई कि उसका छोटा-सा हामिद कितना बड़ा हो गया है, जो अपने लिए कुछ खरीदने के बजाय अपनी दादी की तकलीफ को दूर करने के बारे में सोच रहा था। उसने उसे गले लगाया और रोते हुए ढेर सारी दुआएँ देने लगी।
Eidgah Chapter 3 Class 5 Hindi Question Answers
मौखिक प्रश्न
अभ्यास
- ईद कब आती है?
उत्तर- रमजान के तीस रोजों के बाद ईद आती है।
- महमूद और मोहसिन के पास कितने पैसे थे?
उत्तर- महमूद के पास बारह और मोहसिन के पास पंद्रह पैसे थे।
- हामिद क्यों प्रसन्न था?
उत्तर- ईद का दिन था। सभी बच्चे ईदगाह जा रहे थे। इसलिए हामिद प्रसन्न था ।
- साथियों के खिलौने को देखकर हामिद ने किस प्रकार अपने आपको समझाया?
उत्तर- उसने स्वंय को समझाया कि इन खिलौने की क्या हस्ती है, अभी है और हाथों से छूट गए तो नहीं है। वह मन-ही-मन उनकी निन्दा करने लगा।
लिखित प्रश्न
प्रश्न 1.
- ईद के दिन बच्चे क्यों खुश थे?
उत्तर- ईद के दिन बच्चे इसलिए खुश थे क्योंकि वे ईदगाह जा रहे थे। सबके पास पैसे थे। वे बार-बार || अपने जेब से खजाना निकालकर गिन रहे थे। इन पैसे से वह बहुत चीजें खरीदेंगे, मिठाइयाँ, बिगुल और न जाने क्या क्या।
- अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर- ईद के दिन अमीना उदास इसलिए थी क्यों कि उसके घर में खाने के लिए एक भी दाना नहीं था और हामिद कैसे तीस कोस चलकर ईदगाह तक जाएगा। यह सब बातें सोचकर अमीना उदास थी ।
- चिमटे का दाम सुनकर हामिद का दिल क्यों बैठ गया?
उत्तर- हामिद के पास तीन पैसे ही थे लेकिन दुकानदार ने उन्हें पांच पैसे देकर चिमटा लेने को कहा। हामिद डर रहा था कि दुकानदार कही उसे घुड़कियाँ न दे इसलिए तीन पैसे कह कर आगे बढ़ गया।
- हामिद ने अपने तीन पैसे चिमटे पर खर्च करना क्यों ठीक समझा?
उत्तर- हामिद ने चिमटे पर खर्च करना इसलिए ठीक समझा क्योंकि उसकी दादी रोटियाँ बनाकर उतारती थी तो उसकी उँगलियाँ जल जाती थी। दादी की उँगलियाँ न जले इसलिए उसने चिमटा लिया और इससे उसके विवेक रूपी गुण का पता चलता है।
- अमीना का क्रोध स्नेह में क्यों बदल गया?
उत्तर- बूढ़ी दादी अम्मा का क्रोध स्नेह में इसलिए बदल गया जब उन्होंने यह जाना कि उसका हामिद उसके लिए चिमटा इसलिए लाया ताकि उसकी उँगलियाँ न जले।
प्रश्न 2. कहानी के क्रम के अनुसार, अंक लिखकर बताओ पहले क्या हुआ, फिर क्या हुआ?
- सब बच्चों ने अपनी पसंद की चीज़े लीं।
- हामिद दोस्तों के साथ मेला देखने गया।
- रमज़ान के बाद ईद आई।
- हामिद ने अपने पैसों से दादी के लिए चिमटा खरीदा।
- बूढ़ी दादी अमीना परेशान थी।
- ईदगाह पर मेला लगा।
- बूढ़ी दादी चिमटा देखकर हामिद को दुआएँ देने लगे।
उत्तर- 5, 4, 1, 6, 3, 2, 7
प्रश्न 3. सही उतर पर (✓) लगाओ:-
(क) हामिद किसके साथ रहता था?
- अम्मीजान के साथ
- अब्बाजान के साथ
- दादी के साथ
- दादाजी के साथ
उत्तर- 3. दादी के साथ
(ख) हामिद कहाँ जाना चाहता था?
- पाठशाला
- घर
- बगीचा
- ईदगाह
उत्तर- 4. ईदगाह
(ग) हामिद के मेला देखने जाने से अमीना चिंतित क्यों थी?
- उसके पास पैसे नहीं थे।
- भीड़ में हामिद के खो जाने का डर था।
- घर में खाने को कुछ न था।
- वह बीमार था ।
उत्तर- 2. भीड़ में हामिद के खो जाने का डर था।
भाषा से
प्रश्न 1. उदाहरण देखो और खाली स्थान भरो:-
मिठाई ………………………………..
ऊँगली ………………………………..
टोली ………………………………..
रेवड़ी ………………………………..
दुआ ………………………………..
माला ………………………………..
सभा ………………………………..
बालिका ………………………………..
चीज़ ………………………………..
आवाज़ ………………………………..
बंदूक ………………………………..
औरत ………………………………..
घोड़ा ………………………………..
रूपया ………………………………..
पैसा ………………………………..
बगीचा ………………………………..
उत्तर- मिठाई — मिठाईयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीजों की हैं।
उँगली — बच्चे उँगली पकड़कर चलते हैं ।
टोली — बच्चों की टोली मेले में गई।
रखेड़ी — रेवड़ी मीठी होती है।
दुआ — मेरे लिए दुआ करना ।
माला — रानी ने माला पहनी ।
सभा — गाँव में सभा चल रही है।
बालिका — बालिका विद्यालय जा रही है ।
चीज़ — यह चीज़ क्या है?
आवाज़ — वह ऊँची आवाज़ में चिल्ला रहा है।
बंदूक — बंदूक से मत खेलो ।
औरत — औरत जा रही है ।
घोड़ा — घोड़ा तेज़ दौड़ता है ।
रुपया — तेरे पास रुपया क्यों नहीं है?
पैसा — पैसा कमाना मुश्किल होता है।
बगीचा — यह बगीचा बहुत सुंदर है।
(2) मुहावरों से वाक्य पूरे करें:-
(दिल बैठना, पेट में चूहे कूदना, मुँह में पानी भर आना)
(क) मिठाई देखते ही बच्चों के ………………..
(ख) बिना कुछ खाए पाठशाला जाते ही मेरे ………………..
(ग) खिलौना गिरते ही महमूद का ………………..
उत्तर- (क) मिठाई देखते ही बच्चों के मुँह में पानी भर आया।
(ख) बिना कुछ खाए पाठशाला जाते ही मेरे पेट में चूहे कूदने लगे।
(ग) खिलौना गिरते ही महमूद का दिल बैठ गया।
(3) इन शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:-
प्रसन्न — ……….
प्रकाश — ……….
भला — ……….
आशा — ……….
खुशबू — ……….
समझदार — ……….
उत्तर- प्रसन्न — अप्रसन्न;
आशा — निराशा;
प्रकाश — अंधकार;
खुशबू — बदबू;
भला — बुरा;
समझदार — बेबकूफ।
(4) संज्ञा :- जो शब्द हमें किसी व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु का भाव’ बोध कराए, उसे संज्ञा कहते हैं, जैसे:- राम, दिल्ली, पुस्तक, रामायण, मेज़, कलम आदि।
संज्ञा के प्रमुख तीन भेद हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञाः- जो किसी विशेष व्यक्ति वस्तु या स्थान का नाम हो जैसेः अमीना, नूरे।
- जातिवाचक संज्ञा :- जो किसी पूरी जाति का बोध कराए, जैसे : गाँव, शहर, लडके।
- भाववाचक संज्ञा :- जिससे हमें किसी भाव या गुण का बोध हो ।
दिए गए शब्दों को उचित शीर्षक के नीचे उदाहरण के अनुसार लिखिए:-
मिठाई, अमीना, हलवाई, इमारत, आश्चर्य, ईद, चाँद, हामिद, महमूद, खिलौने, दोषी, क्रोध, लालच, प्रसन्नता, मोहसिन, बच्चे
व्यक्तिवाचक संज्ञा — ………………….
जातिवाचक संज्ञा — ………………….
भाववाचक संज्ञा — ………………….
उत्तर-
व्यक्तिवाचक संज्ञा — अमीना, ईद, चाँद, हामिद, महमूद, मोहिसन
जातिवाचक संज्ञा — मिठाई, हलवाई, इमारत, खिलौने, दोषी, बच्चे
भाववाचक संज्ञा — आश्चर्य, क्रोध, लालच, प्रसन्नता
Eidgah Chapter 3 Class 5 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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