पाठ “फसलों के त्योहार” JKBOSE के कक्षा 5 (Class 5th of JKBOSE) के छात्रों की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 5 हिंदी का दूसरा अध्याय है। यह पोस्ट Faslun Ke Tyohaar Class 5 Hindi Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” फसलों के त्योहार” के शब्दार्थ, सरलार्थ और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Pushap Ki Abhilasha Class 5 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Faslun Ke Tyohaar Class 5 Hindi Question Answers
Faslun Ke Tyohaar Class 5 Word Meaning
शब्द | अर्थ |
---|---|
इंतज़ार | प्रतीक्षा |
अइसन | ऐसी |
चाँपाकल | हैंडपंप |
कतार | पंक्ति |
खिचुरी | खिचड़ी |
उफान | उबाल, तीव्रता |
त्योहार | उत्सव |
कामना | इच्छा |
पाला | ठंड, सर्दी |
आवाज़ | ध्वनि |
केरा | केला |
कतार | लाईन, पंक्ति |
प्रथा | रिवाज़ |
इज़हार | बताना |
चहल-पहल | रौनक |
खुशनुमा | खुशी भरा |
सुस्ताना | आराम करना |
गुजर जाना | बीत जाना |
गंडेरी | गन्ने की फांक |
पकवान | भोजन पदार्थ |
लिकुट | एक खास पकवान तिल से बनाया हुआ |
आइल | आया |
चकाचक | चमचमाता |
Faslun Ke Tyohaar Class 5 Summary (पाठ का सार)
सर्दी के मौसम में जहाँ दिनभर हाथ गरम करने की जरूरत पड़ती है, वहीं इस ठिठुरन भरे मौसम में एक विशेष त्योहार भी मनाया जाता है—मकर संक्रांति। इस दिन घरों में पारंपरिक रूप से खिचड़ी बनती है। सभी लोग नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं और मिलकर त्योहार का आनंद लेते हैं।
घर के बुजुर्ग, विशेष रूप से दादी, केले के पत्ते पर तिल, गुड़ और चावल के छोटे-छोटे ढेर रखती हैं। फिर परिवार के सभी सदस्य उन्हें छूकर प्रणाम करते हैं और बाद में इन सामग्रियों को मिलाकर दान कर दिया जाता है। यह त्योहार न केवल घर में बल्कि स्कूलों में भी उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।
भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति के रूप
भारत एक विविध संस्कृति वाला देश है, और यहाँ मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश: यहाँ इसे मकर संक्रांति कहा जाता है और विशेष रूप से खिचड़ी खाने और दान देने की परंपरा है।
- असम: इसे बीहू के रूप में मनाया जाता है, जो कृषि से जुड़ा एक प्रमुख पर्व है।
- पंजाब: यहाँ यह त्योहार लोहड़ी के नाम से प्रसिद्ध है, जिसमें आग जलाकर उत्सव मनाया जाता है।
- झारखंड: सरहुल नामक यह त्योहार चार दिनों तक चलता है। लोग साल के पेड़ की पूजा करते हैं और पारंपरिक नृत्य करते हैं, जिससे वसंत ऋतु के आगमन का संकेत मिलता है।
- तमिलनाडु: इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नए मिट्टी के मटके में चावल, दूध और गुड़ पकाया जाता है। जब दूध उबलकर बाहर आता है, लोग “पोंगला-पोंगला” कहकर खुशी मनाते हैं।
- गुजरात: यहाँ मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की विशेष परंपरा है, जिसमें हर उम्र के लोग भाग लेते हैं।
- उत्तराखंड (कुमाऊँ क्षेत्र): यहाँ इसे घुघुतिया कहा जाता है। इस दिन गुड़ और आटे से विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें माला में पिरोया जाता है। बच्चे इन्हें खाते हैं और पक्षियों को भी खिलाते हैं।
अभ्यास
मौसम का अंदाज
(1) “खिचड़ी में अइसन जाड़ा हम पहिले कब्बो ना देखनीं।” यहाँ तुम ‘खिचड़ी‘ से क्या मतलब निकाल रही हो?
उत्तर :- यहाँ “खिचड़ी” का मतलब ‘मकर संक्रांति’ हैं ।
(2) क्या कभी ऐसा हो सकता है कि सूरज बिल्कुल ही न निकले?
अगर ऐसा हो तो …………..
……………………………….
अपने साथियों के साथ बातचीत करके लिखो।
उत्तरः- अगर कभी ऐसा हुआ तो हर तरफ अंधकार-ही-अंधकार होगा। उस दिन लोग कोई काम नहीं कर पाएँगे क्योंकि सूरज की रोशनी की कारण ही उजाला होता है और लोग अपनी दिनचर्या में लग जाते हैं। सूरज के न निकलने के कारण उस दिन ठण्ड भी बहुत होगी ।
(3) बाहर देखने से समय का अंदाज़ा क्यों नहीं हो पा रहा था?
जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अनुमान किस तरह से लगाते हैं?
उत्तरः- बाहर देखने से समय का अंदाजा इसलिए नहीं हो पा रहा था, क्योंकि उस दिन सूरज नहीं निकला था और चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था। जिनके पास घड़ी नहीं होती वे समय का अनुमान सूरज को देखकर लगाते हैं ।
तुम्हारी जुबान
(क) “आज ई लोग के उठे के नईखे का?”
(ख) “जा भाग के देख केरा के पत्ता आइल की ना“?
इन वाक्यों को अपने घरों की भाषा में लिखो।
उत्तर :- (क) आज ये लोग उठेंगे नहीं क्या?
(ख) जा भागकर देख के आ कि केले के पत्ते आए कि नहीं।
भारत तेरे रंग अनेक
(1) विविधता हमारे देश की पहचान है। फसलों का त्योहार हमारे देश के विविध रंग-रूपों का एक उदाहरण हैं । नीचे विविधता के कुछ और उदाहरण दिए गए हैं। पाँच-पाँच बच्चों का समूह एक-एक उदारहण लें और उस पर जानकारी इकटठी करें। (जानकारी चित्र, फोटोग्राफ, कहानी, कविता, सूचनापरक सामग्री के रूप में हो सकती हैं।) हर समूह इस जानकारी को कक्षा में प्रस्तुत करे।
भाषा कपड़े नया वर्ष
भोजन लोक कला लोक संगीत
उत्तरः- भाषा- भारत के हर राज्य तथा क्षेत्र में मो अलग-अलग भाषा बोली जाती हैं किन्तु भारत की राष्ट्र औ भाषा हिन्दी है। जैसे- पंजाब में पंजाबी, बंगाल में हैं बंगाली ।
कपड़े- भारत के हर राज्य में अलग-अलग कपड़े भ पहने जाते हैं। क्योंकि किसी राज्य में बहुत ठंड पड़ती इं है तो कहीं बहुत गरमी होती है और कहीं पूरा साल एक-सा मौसम रहता है, न ज्यादा सदी न ज्यादा गर्मी। जैसे- केरल के लोग कुरता तथा धोती पहनते हैं और कश्मीर के लोग फिरन पहनते हैं।
नया वर्ष- भारत के हर राज्य में नया वर्ष अपने-अपने अंदाज में मनाया जाता हैं। जैसे- लदाख का नव वर्ष– लोसर, जम्मू का नव वर्ष – बैसाखी आदि ।
भोजन- भारत के हर राज्य में अलग-अलग तरह के भोजन पाए जाते हैं। जैसे की उत्तर भारत के प्रमुख भोजन राजमा चावल, मक्की की रोटी, सरसों का साग, लस्सी आदि, दक्षिण भारत के डोसा, इडली, सांबर, आदि प्रमुख भोजन हैं।
लोक कला- भारत के हर राज्य में अलग-अलग कलाएँ विद्यमान हैं, जो भारत की संस्कृति का परिचय देती हैं। जैसे पंजाब में गिद्दा; कश्मीर में कश्मीरी डाँस, दक्षिण भारत में कथक, कुचिपुड़ी आदि प्रसिद्ध हैं ।
लोक संगीत- भारत के हर राज्य के अलग-अलग लोक गीत हैं जिन्हें औरतें मिलजुल कर शुभ अवसरों पर गाती हैं, जैसे मैथिली, आदि ।
(2) तुम्हें कौन-सा त्योहार सब से अच्छा लगता है और क्यों? इस दिन तुम्हारी दिनचर्या क्या रहती हैं?
उत्तरः- मुझे होली का त्योहार सबसे अच्छा लगता है क्योंकि यह त्योहार हमारे घर के सभी सदस्य चाहे दादा-दादी हों या चाचा-चाची या मम्मा-पापा हम बच्चों के साथ मिलकर बच्चे बन जाते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं और खूब मज़े करते हैं।
इस दिन हम सुबह से ही जोश तथा उत्साह से भरे रहते हैं। सुबह-सुबह ही हम अपने लिए गुब्बारे भर कर रखते हैं, पानी में रंग मिलाकर रख देते हैं, पुराने कपड़े पहनते हैं और एक थाली में रंग डाल कर रख लेते हैं। फिर हम अपने घर में सबके ऊपर रंग डालते हैं और पिचकारी से पानी भी फेंकते हैं।
दोपहर को हमारे मोहल्ले के सभी बच्चे एक झुंड बनाकर होली खेलते हैं और आने-जाने वालों पर रंग डालते हैं तथा पानी फैंकते हैं। थोड़ी देर बाद नहा-धोकर अच्छे कपड़े पहन लेते हैं और माँ हमें खाने के लिए मिठाइयाँ तथा तरह-तरह के भोजन देती है। हम बच्चे पूरा साल इस त्योहार का इंतजार करते हैं और उसे खुशी से मनाते हैं।
अन्न के बारे में
(क) फसल के त्योहार पर ‘तिल’ का बहुत महत्व होता है तिल का किन-किन रूपों में इस्तेमाल किया जाता है? पता करो।
उत्तर :- 1. तिल से अलग-अलग तरह के पकवान तथा मिष्ठान्न बनाए जाते हैं।
- इससे तेल भी बनता है।
- दान के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता हैं।
(ख) तुम जानती हो कि तिल से तेल बनता है ? और किन चीज़ों से तेल बनता है और कैसे? हो सके तो तेल की दुकान में जाकर पूछो।
उत्तरः- मूंगफली, बादाम, सरसों, नारियल, आँवला, ग फूलों तथा फलियों से तेल बनता है। यह तेल मशीनों द्वारा बनाया जाता है।
किसान और चीज़ों का सफर
आलू की पकौड़ी, बर्फी और आइसक्रीम- पर इस तीन चीज़ों के बारे में नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जानकारी इकट्ठी करो छा और ‘मेरी कहानी’ के रूप में उसे लिखो।
(क) किन चीज़ों से बनती है?
(ख) इन चीज़ों का जन्म कहाँ होता है?
(ग) हम तक पहुँचने का उनका सफर क्या हैं?
(घ) किन-किन हाथों से होकर हम तक पहुँचती है?
(ड) इस पूरे सफर में किन लोगों की कितनी मेहनत लगती हैं ।
(च) इन लोगों में से किसको कितना मुनाफा कर मिलता हैं?
अगले वर्ष कक्षा छह में सामाजिक एंव राजनैतिक जीवन के बारे में पढ़ोगे तो ऊपर लिखे सफर में शामिल लोगों की दिनचर्या पता करने का मौका भी मिलेगा।
उत्तर :- (क) आलू की पकौड़ी आलू और बेसन; बर्फी खोये से और आइसक्रीम दूध तथा खोये से बनती हैं।
(ख) आलू, बेसन का जन्म किसान के घरों में होता है, दूध गाय से मिलता है ओर खोया हलवाइयों द्वारा बनाया जाता हैं।
(ग) हम तक ये चीजें किसानों व दूधवालों के बाद व्यापारियां के माध्यम से पहुँचती हैं।
(घ) ये चीजें हम तक किसानों, दूधवालों, व्यापारियों तथा दुकानदारों के हाथों से होकर पहुँचती हैं ।
(ङ) इस पूरे सफर में किसानों, दूधवालों तथा व्यापारियों कि बहुत मेहनत लगती है ।
(च) इन लोंगों में से किसानों को बहुत कम, दूधवालों का थोड़ा ज्यादा और व्यापारियों को कुछ ज्यादा मुनाफा मिलता है।
छात्र इनसे कहानी खुद लिखें ।
खास पकवान
(1) ‘गया’ शहर तिलकुट के लिए भी प्रसिद्ध है । हमारे देश में छोटी बड़ी ऐसी कई जगहें हैं जो अपने खास पकवान के लिए मशहूर हैं। अपने परिवार के लोगों से पता करके उनके बारे में बताओ।
उत्तरः- हमारे देश में जम्मू राजमा चावल एंव सूखे मेवे के लिए; पंजाब मक्की की रोटी एंव सरसों के साग के लिए, आगरा पेठे के लिए, मथुरा पेड़े के लिए मशहूर हैं।
(2) पिछले दो वर्षों में तुमने ‘काम वाले शब्दों’ के बारे मे जाना।
इन शब्दों को क्रिया भी कहते हैं क्योंकि क्रिया का संबंध कोई काम करने‘ से है। नीचे खिचड़ी बनाने की विधि दी गई है। इसमें बीच-बीच में कुछ क्रियाएँ छूट गई हैं । उचित क्रियाओं का प्रयोग करते हुए इसे पूरा करो।
छौंकना पीसना पकाना धोना परोसना भूनना
उत्तर:- विधि- इलायची, दालचीनी और लौंग में थोड़ा-थोड़ा पानी (एक छोटा चम्मच) डालते हुए पीस लो। अदरक और लहसुन को इकट्ठा पीसकर पेस्ट बनाओ। दाल को कड़ाही में डालो और मध्यम आँच पर सुनहरी भूरी हाने तक भून लो। अब दाल निकाल कर पीस लो । तेल को कुक्कर में डाल कर गरम करो । तेल गरम हो जाने पर तेज पते और जीरा जब चटकने लगे तो प्याज़ डाल कर सुनहरा भूरा होने तक भूनो। अब अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर कुछ मिनट पकाओ।
धुली हुई दाल, चावल और सब्जी डालो और अच्छी तरह मिलाओ। शेष पानी (चार प्याले ) डालकर एक बार चलाओ। कुक्कर बंद करो । तेज़ आँच पर पूर्ण प्रेशर आने दों अब आँच कम करके चार मिनट तक पकाओ, भाप निकल जाने पर कुक्कर खोलो, मसालों का पेस्ट मिलाओ । खिचुरी पर घी, हिंग, साबुत लाल मिर्च से छौंक कर परोसो गरमागरम।
अभ्यास
श्रुतलेख
गरमाहट, चाँपाकल, फरमाइशी, तिलवुफट, मकर-संक्रांति, जोशो-खरोश जनजातियाँ, आदिवासी, ढोल-मंजीरे, खिचड़ी, पकवाल, त्योहार ।
बहु विकल्पीय प्रश्न
(1) दादा और चाचा ने क्या पहना हुआ था
(क) पैंट – कमीज
(ख) पाजामा – कुर्ता
(ग) धोती-कुर्ता
(घ) पैंट – कुर्ता
उत्तर- (ग) धोती-कुर्ता
(2) केले के पत्तों पर क्या रखा हुआ था-
(क) दाल चावल
(ख) गुड़ – रेवड़ी
(ग) तिल – मूँगफली, चावल
(घ) तिल, गुड़, चावल
उत्तर- (घ) तिल, गुड़, चावल
(3) झारखंड में चार दिनों तक कौन सा त्योहार मानाया जाता है-
(क) पोंगल
(ख) सरहुल
(ग) लोहड़ी
(घ) ओणम
उत्तर- (ख) सरहुल
(4) मकर संक्रांति के दिन पानी में क्या डालकर नहाया जाता है।
(क) तिल
(ख) चावल
(ग) दूध
(घ) इत्र
उत्तर- (क) तिल
मौखिक प्रश्न
(1) खिचड़ी खाने के लिए कौन सा विशेष दिन निर्धारित किया गया है?
उत्तर- मकर संक्रांति।
(2) तमिलनाडु में मकर संक्रांति को किस नाम से मनाया जाता है?
उत्तर- पोंगल।
(3) किस राज्य मे मकर संक्रांति वाले दिन पतंगे उड़ायी जाती है?
उत्तर- गुजरात।
(4) फसलों से जुड़े त्योहारों में क्या-क्या पकवान बनते हैं?
उत्तर- इन त्योहारों में खिचडी और तिल के पकवान बनते हैं।
लिखित प्रश्न
(1) भारत के सभी प्रांतों में फसलों से जुड़े त्योहार किस-किस नाम से मनाये जाते हैं?
उत्तर- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में मकर-संक्रांति या तिल संक्रांत, असम में बीहू, केरल में ओणम, तमिलनाडु मे पोंगल, पंजाब में लोहड़ी, झारखंड मे सरहुल, गुजरात में पतंग का पर्व सभी खेती और फ़सलों से जुड़े त्योहार हैं।
(2) भारत की जनजातियां मकर संक्रांति का त्योहार किस प्रकार मनाती हैं?
उत्तर- अलग-अलग जनजातियाँ इसे अलग-अलग समय में मनाती हैं। संथाल लोग फरवरी-मार्च में, तो ओरांव लोग इसे मार्च-अप्रैल में मनाते हैं। आदिवासी आमतौर पर प्रकृति की पूजा करते हैं। सरहुल के दिन विशेष रूप से ‘साल’ के पेड़ की पूजा की जाती है। यही समय है जब साल के पेड़ों में फूल आने लगते हैं और मौसम बहुत ही खुशनुमा हो जाता है। स्त्री-पुरुष दोनों ही ढोल-मंजीरे लेकर रात भर नाचते-गाते हैं।लिपे-पुते, करीने से बुहारे और सजाए गए अपने घरों के सामने लोग एक पंक्ति में कमर में बाँहें डालकर नृत्य करते हैं।
अगले दिन वे नृत्य करते हुए घर-घर जाते हैं और फूलों के पौधे लगाते हैं। घर-घर से चंदा माँगने की भी प्रथा है। पर चंदे में माँगते हैं मुर्गा, चावल और मिश्री। फिर चलता है खाने-पीने और खेलों का दौर। तीसरे दिन जाकर पूजा होती है जिसके बाद लोग अपने कानों में सरई का फूल पहनते हैं। इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। धान की भी पूजा होती है। पूजा किया हुआ आशीर्वादी धान अगली फ़सल में बोया जाता है।
(3) तमिलनाडु में पोंगल त्योहार किस प्रकार मनाया जाता है?
उत्तर- तमिलनाडु में मकर-संक्रांति या फ़सलों से जुड़ा त्योहार ‘पोंगल’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खरीफ की फसलें चावल, अरहर, मसूर आदि कटकर घरों में पहुँचती हैं और लोग नए धान कूटकर चावल निकालते हैं। हर घर में मिट्टी का नया मटका लाया जाता है जिसमें नए चावल, दूध और गुड़ डालकर उसे पकाने के लिए धूप में रख देते हैं।
हल्दी शुभ मानी जाती है इसलिए साबुत हल्दी को मटके के मुँह के चारों ओर बाँध देते हैं। यह मटका दिन में साढ़े दस-बारह बजे तक धूप में रखा जाता है। जैसे ही दूध में उफान आता है और दूध – चावल मटके से बाहर गिरने लगता है तो “पोंगला-पोंगल, पोंगला – पोंगल ” ( खिचड़ी में उफान आ गया) के स्वर सुनाई देते हैं।
(4) मकर संक्रांति वाले दिन तिलों का क्या महत्व रहता है?
उत्तर- मकर संक्रांति के दिन पानी के तिल डालकर स्नान करना, तिल दान करना, आग में तिल डालना, तिल के पकवान बनाना विशेष महत्व रखता है।
(3) रिक्त स्थानः-
- अप्पी दिदिया को पसंद नहीं था …………… (दाल, चावल, चूडा – दही, सब्जी-रोटी)
उत्तर- चूडा-दही।
- …………… माह में भारत के सभी प्रांतों में फसलों के त्योहार मनाये जाते हैं। (जनवरी, मार्च, अप्रैल)
उत्तर- जनवरी
- केरल में मकर संक्रांति …………… नाम से मनायी जाती है। ( लोहड़ी, सरहुल, ओणम)
उत्तर- ओणम।
- पंजाब प्रांत में फसलों से जुड़ा त्यौहार …………… नाम से मनाया जाता है। (बीहू, तिल, संक्रांति, लोहड़ी)
उत्तर- लोहड़ी।
(4) सही / गलत, उत्तर बताइए-
- दादी ने रेशम की गुलाबी साड़ी पहनी थी।( )
- ईंट से बने बड़े चूल्हें पर खिचड़ी बनायी जाती थी।( )
- असम में मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से जाना जाता है।( )
- कुमाऊँ में मकर संक्रांति को ‘घुघुतिया’ भी कहते हैं।( )
उत्तर-
- दादी ने रेशम की गुलाबी साड़ी पहनी थी। (x)
- ईंट से बने बड़े चूल्हें पर खिचड़ी बनायी जाती थी। (✓)
- असम में मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से जाना जाता है। (x)
- कुमाऊँ में मकर संक्रांति को ‘घुघुतिया’ भी कहते हैं। (✓)
Faslun Ke Tyohaar Class 5 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
Leave a Reply