पाठ “लोसर : लदाख का नव वर्ष-उत्सव” JKBOSE के कक्षा 5 (Class 5th of JKBOSE) के छात्रों की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 5 हिंदी का सत्रहवाँ अध्याय है। यह पोस्ट Lohri Class 5 Hindi Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ “लोसर : लदाख का नव वर्ष-उत्सव” के शब्दार्थ, सरलार्थ और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Lohri Class 5 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Losar Class 5 Hindi Question Answers
Losar Class 5 Word Meanings
शब्द | अर्थ |
---|---|
पर्व | उत्सव, त्योहार |
उल्लास | हर्ष, खुशी |
संभावना | संभव होना |
आयोजन | प्रबंध करना |
स्मृति | याद |
उत्साह | जोश |
मुख्य | सबसे बड़ा, प्रधान |
संघ | समूह, जाति |
अर्पित | किसी के नाम करना |
ज्योति | प्रकाश |
मदिरा | सुरा, शराब |
प्रतियोगिता | मुकाबला |
मगलमय | शुभ, कल्याणकारी |
भक्तिरस | भक्ति का आनंद |
हार्दिक | हृदय से, सच्चे मन से |
दीर्घायु | लंबी आयु / उम्र |
नव-विवाहित | जिनका नया-नया विवाह हुआ हो |
पंचाग | वह पंजी जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र आदि दिए हों |
परंपरा | रीत |
प्रतिमा | मूर्ति |
अनिवार्य | आवश्यक |
अवसर | मौका, समय |
सकुशल | कुशलता के साथ, मंगलपूर्वक |
माध्यम | बीच का साधन |
मातृभूमि | जिस देश में जन्म हुआ हो, माँ जैसी भूमि |
कामना | इच्छा |
Losar Class 5 Hindi Explanation
जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य है जहाँ विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सभी अपने-अपने त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख उत्सव नववर्ष का भी है, जिसे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जम्मू में इसे ‘बैसाखी’, कश्मीर में ‘नरेह’ और ‘नवरोज’, तथा लदाख में ‘लोसर’ के नाम से मनाया जाता है।
प्रारंभ में, लदाख के तिब्बती समुदाय नया वर्ष तिब्बती पंचांग के अनुसार फरवरी-मार्च में मनाते थे। लेकिन एक ऐतिहासिक घटना के चलते लोसर को एक महीने पहले दिसंबर-जनवरी में मनाया जाने लगा। यह परिवर्तन उस समय हुआ जब लदाख के राजा सेंगे नमग्यल के शासनकाल में तिब्बत के साथ युद्ध छिड़ गया। उस समय युद्ध लंबा चलने की संभावना थी और लोसर एक माह बाद पड़ता था। इसलिए सैनिकों ने पहले ही लोसर का पर्व मना लिया और फिर युद्ध के लिए निकल गए। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
लोसर पर्व कई दिनों तक चलता है और इसकी शुरुआत पूजा-पाठ से होती है। इस उत्सव के पहले, एक विशेष दिन ‘उपलोसर’ मनाया जाता है, जो प्रसिद्ध तिब्बती विद्वान एवं कवि ‘सुमति कीर्ति’ की स्मृति में समर्पित है। इस दिन हर घर में दीप जलाए जाते हैं और पूजा-अर्चना की जाती है। उपलोसर न केवल लदाख में, बल्कि लाहौल-स्पीति, किन्नौर, सिक्किम और भूटान में भी मनाया जाता है।
लोसर के दौरान अनोखी परंपराएँ:
- दगुथुक पेय: लोसर के पाँचवें दिन लोग ‘दगुथुक’ नामक विशेष पेय पीते हैं, जिसमें आटे की गोलियाँ डाली जाती हैं। इन गोलियों में विभिन्न वस्तुएँ (कोयला, नमक, मिर्च, रुई, कागज, अंगूठी आदि) छिपी होती हैं। कहा जाता है कि जिसे जो वस्तु मिले, उसका स्वभाव उसी के अनुसार होता है।
- नभगड़ पर्व: छठे दिन इसे शुभ दिन माना जाता है, घर-घर में फिर से दीप जलाए जाते हैं और पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लोग अपने पापों को बाहर निकालने के लिए ‘मेतो’ (अग्निपुंज) जलाते हैं।
- छकस रस्म: सातवें दिन लोग अपने संबंधियों से मिलने जाते हैं और एक विशेष पारंपरिक रस्म ‘छकस’ करते हैं। इसमें वे मदिरा पात्र (छिङ्गी जमा), मंगल कपड़ा (टाशी खटक) और खमीरी रोटियाँ लेकर जाते हैं। नवविवाहितों के लिए यह रस्म अनिवार्य मानी जाती है।
- वगडोन उत्सव: अगले दिन ‘वगडोन’ मनाया जाता है, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग मिलकर एक साथ खुशियाँ मनाते हैं, विशेषकर नवजात शिशुओं और नवविवाहितों का स्वागत किया जाता है।
लोसर के दौरान भक्ति गीत गाए जाते हैं, जिनमें भगवान बुद्ध की स्तुति की जाती है। एक प्रसिद्ध गीत की पंक्ति है:
“लामा ला बुलो, छोस ला बुलो,
गेदुन ला बुलो।”
अर्थात् हम अपने गुरु, धर्म और संघ को श्रद्धा अर्पित करते हैं।
इसके अलावा, इस पर्व में वीर सैनिकों को बधाई देने के लिए वीर रस के गीत भी गाए जाते हैं। इनमें सैनिकों की बहादुरी और मातृभूमि की रक्षा की प्रार्थना की जाती है। युवा वर्ग प्रेम और श्रृंगार के गीत भी गाता है।
लोसर केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्व भी है। यह लदाख की समृद्ध परंपरा और तिब्बती संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर लोग नृत्य, संगीत और मदिरापान का आनंद लेते हैं और अंत में एक-दूसरे को दीर्घायु और सुख-समृद्धि की शुभकामनाएँ देकर अपने-अपने घर चले जाते हैं।
Losar Class 5 Hindi Question Answers
अभ्यास
(क) जम्मू-कश्मीर राज्य में किस-किस धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं?
उत्तरः- जम्मू कश्मीर राज्य में हिन्दू, मुस्लमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं।
(ख) लदाख में मनाए जाने वाले नववर्ष के उत्सव का नाम क्या है?
उत्तर:- ‘लोसर’ लदाख का नववर्ष उत्सव है।
(ग) लदाख में लोसर नववर्ष से एक मास पूर्व क्यों मनाया जाता है?
उत्तरः- एक ऐतिहासिक घटना (जिसमें सैनिक एक माह पहले लोसर का उत्सव मना कर युद्ध करने गए थे) के बाद से ‘लोसर’ नववर्ष से एक माह पहले मनाया जाता है ।
(घ) “उपलोसर’ कब और किस की स्मृति में मनाया जाता है।
उत्तर:- लोसर का पर्व कई दिन चलता है। इसके आरंभिक दिनों में तिब्बती विद्वान, कवि और लेखक ‘सुमति कीर्ति’ की स्मृति में ‘उपलोसर’ (छोटा लोसर) मनाया जाता है।
(च) “द्गुथुक” क्या है? इसमें क्या डाला जाता है?
उत्तर:- दगुथुक एक तरह का पेय है, जिसमें आटे की गोलियाँ डालते हैं- जिनमें कुछ खास चीजें होती है। जैसे:- कोयला, नमक, मिर्च, रुई, कागज, अंगूठी, सूर्य चाँद की छोटी मुर्त्तियाँ आदि ।
(छ) “छकस” किसे कहते हैं?
उत्तर:- लोसर के सातवें दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं संबंधियों से मिलते हैं। जाते समय हाथ में एक मदिरापात्र, मंगल कपड़ा, पाँच सात खमीरी रोटियाँ होती हैं। इस प्रकार की रस्म को ‘छकस’ कहते हैं। (प्रणाम करना कहते हैं)।
(ज) “वगडोन” किस तरह मनाया जाता है?
उत्तरः- वगडोन एक तरह का भोज होता है जिसमें छोटे-बड़े का भेदभाव भुलाकर सबको बुलाया जाता। नव-विवाहित जोड़े, नवजात शिशुओं को विशेषतौर पर बुलाया जाता है।
(झ) लदाखी लोग सैनिक वीरों को बधाई संदेश में क्या कहते हैं?
उत्तरः- हमारे वीर जवानों, नए वर्ष के शुभ अवसर पर हम तुम्हें हार्दिक बधाई भेजते हैं और प्रार्थना करते हैं कि हमें जब-जब मनुष्य जन्म मिले, हम तुम जैसे वीर सैनिक बनें ताकि मातृभूमि की रक्षा कर सकें ।
(ट) लोसर के छठे दिन को किस नाम से जाना जाता है यह दिन कैसे मनाया जाता है?
उत्तरः- लोसर का छठा दिन ‘नमगड़’ के नाम से जाना जाता है। यह बड़ा शुभ दिन होता है। इस दिन घर-घर गोनपाओं में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के सामने और पशुओं, चक्की आदि के सामने दीप जलाए जाते हैं।
(ठ) उपलोसर का पर्व लदाख के अतिरिक्त किन-किन स्थानों में मनाया जाता है?
उत्तरः- उपलोसर लदाख के अतिरिक्त लाहुल स्पिति, कन्नौर, सिक्किम, भूटान आदि स्थानों में मनाया जाता है?
प्रश्न 2. दिए गए शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करे:-
दगुथुक, सेंगे नमग्यल, तिब्बती, नवरेह, छकस, वीर रस सुमति-कीर्ति, पूजा-पाठ, नवरोज।
(क) कश्मीर में ………. और ………. नववर्ष के उत्सव है।
(ख) लदाख में ………. नामक महाराजा राज करता था।
(ग) लदाख में ………. पंचाग चलता है।
(घ) उपलोसर ………. की समृति में मनाया जाता है।
(ड़) लोसर पर्व का प्रारम्भ ………. से होता है।
(च) लोसर के पाँचवें दिन लोग ………. पीते है।
(छ) नवविवाहितों के लिए ………. करना अनिवार्य माना जाता है।
(ज) लदाखी लोग भक्ति रस के साथ-साथ ………. के गीत भी गाते हैं।
उत्तर-
(क) कश्मीर में नवरेह और नवरोज नववर्ष के उत्सव है।
(ख) लदाख में सेंगे नमग्यल नामक महाराजा राज करता था।
(ग) लदाख में तिब्बती पंचाग चलता है।
(घ) उपलोसर सुमति-कीर्ति की समृति में मनाया जाता है।
(ड़) लोसर पर्व का प्रारम्भ पूजा-पाठ से होता है।
(च) लोसर के पाँचवें दिन लोग दगुथुक पीते है।
(छ) नवविवाहितों के लिए छकस करना अनिवार्य माना जाता है।
(ज) लदाखी लोग भक्ति रस के साथ-साथ वीर-रस के गीत भी गाते हैं।
प्रश्न 3. लिखें:-
(क) लोसर एक धार्मिक-साँस्कृतिक पर्व है।
उत्तर :- स्वयं अभ्यास करें।
(ख) अर्थ लिखें:-
“लामा ला बुलो, सुंग्यस ला बुलो, छोस ला बुलो, गेदुन ला बलो।”
उत्तर:- अर्थ:- हम अपने गुरु, धर्म तथा संघ को ज्योति और श्रद्धा का उपहार अर्पित करते हैं।
प्रश्न 4. सत्य कथन के आगे (✔) और गलत कथन के आगे (x) का चिह्न लगाएँ:-
(क) “नवरेह” कश्मीर का नववर्ष उत्सव है। ( )
(ख) लदाख का “लोसर” पर्व तिब्बती लोसर के एक मास बाद मनाया जाता है। ( )
(ग) “उपलोसर” के आरंभिक दिनों में “लोसर” का आयोजन किया जाता है। ( )
(घ) “उपलोसर” एक धार्मिक पर्व है। ( )
(च) लोसर के पहले दिन शाम को लदाखी लोग ‘द्गुथुक’ पीते हैं। ( )
(छ) लोसर का छठा दिन ‘नमगड़’ के नाम से जाना जाता है। ( )
(ज) “लोसर” के स्वागत में लोग भक्ति-गीत गाते हैं। ( )
उत्तर-
(क) “नवरेह” कश्मीर का नववर्ष उत्सव है। (✔)
(ख) लदाख का “लोसर” पर्व तिब्बती लोसर के एक मास बाद मनाया जाता है। (x)
(ग) “उपलोसर” के आरंभिक दिनों में “लोसर” का आयोजन किया जाता है। (x)
(घ) “उपलोसर” एक धार्मिक पर्व है। (✔)
(च) लोसर के पहले दिन शाम को लदाखी लोग ‘द्गुथुक’ पीते हैं। (x)
(छ) लोसर का छठा दिन ‘नमगड़’ के नाम से जाना जाता है। (✔)
(ज) “लोसर” के स्वागत में लोग भक्ति-गीत गाते हैं। (✔)
प्रश्न 5. पाठ में आए लदाखी (भौटी) भाष के कोई पाँच शब्द नीचे लिखकर उनके अर्थ भी लिखिए:-
उत्तर-
शब्द अर्थ
- छकस प्रणाम
- वगछोन भोज
- राशी खटक मंगल कपड़ा
- छिङ्गी जमा मदिरा – पात्र
- छङलु मदिरापान
Losar Class 5 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में में साझा करें।
Leave a Reply