पाठ “चाँद की और चंद्रयान” JKBOSE के कक्षा 3 (Class 3rd of JKBOSE) के छात्रों की पाठय-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 3 हिंदी (Bhasha Prwah Class 3rd Hindi) का बारहवाँ पाठ है। यह पोस्ट Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ चाँद की और चंद्रयान के शब्दार्थ, पाठ का सार और इसके प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Bujo To Jane Class 3 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Question Answers
Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Word Meanings
अभ्यास
शब्दार्थ –
शब्द | अर्थ |
---|---|
अंतरिक्ष | पृथ्वी व दूसरे ग्रहों के बीच का स्थान। |
चाँद | पृथ्वी का उपग्रह। |
सैटेलाइट | उपग्रह। |
प्रक्षेपण | भेजना। |
लक्ष्य | निशाना। |
Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Summary
अंतरिक्ष विज्ञान में दुनिया के हर देश का प्रयास है कि वह अधिक-से-अधिक उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर अपना परचम लहराए। इस दौड़ में भारत भी किसी से पीछे नहीं है। भारत के अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत 15 अगस्त, 1969 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना के साथ हुई। इसरो ने कई उपग्रहों को धरती की कक्षा में स्थापित कर अपनी काबिलियत साबित की है।
चाँद, जो पृथ्वी का उपग्रह है, सदा से मानव को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। भारत ने भी अपने चन्द्रयान मिशनों के माध्यम से इस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। आइए भारत के चंद्र अभियानों पर एक नज़र डालते हैं।
चन्द्रयान-1
भारत का पहला चंद्र अभियान, चन्द्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 को लॉन्च किया गया। यह एक मानवरहित यान था, जिसने चंद्रमा के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण डेटा भेजा। हालांकि, यह मिशन अपने पूरे निर्धारित समय तक सक्रिय नहीं रह सका। 30 अगस्त, 2009 को यह अभियान तब समाप्त हो गया, जब निर्धारित अवधि के पहले ही इसका संपर्क इसरो के नियंत्रण कक्ष से टूट गया। फिर भी, इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी का प्रमाण देकर बड़ी सफलता हासिल की।
चन्द्रयान-2
चंद्रमा के और करीब जाने और सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के उद्देश्य से चन्द्रयान-2 को 14 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया जाना था। हालांकि तकनीकी कारणों से इसे अंतिम क्षण में रोक दिया गया और बाद में 22 जुलाई, 2019 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। इस मिशन का मुख्य आकर्षण इसका लैंडर था, जिसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी।
6 सितंबर, 2019 को जब यह लैंडर चंद्रमा की सतह से केवल 2.1 किलोमीटर की ऊँचाई पर था, उस समय इसरो का उससे संपर्क टूट गया। इस असफलता के बावजूद, इसरो ने हार नहीं मानी और अगले मिशन की तैयारियों में जुट गया।
चन्द्रयान-3
चन्द्रयान-3 चन्द्रयान-2 की अगली कड़ी था, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करना था। इसे 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2:35 बजे प्रक्षेपित किया गया।
23 अगस्त, 2023 को शाम 6:04 बजे, चन्द्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा। यह उपलब्धि भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बना देती है।
इसरो के इन प्रयासों ने न केवल भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में एक अग्रणी स्थान पर पहुँचाया है, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाया है। चन्द्रयान मिशनों ने यह साबित किया है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से असफलताओं को सफलता में बदला जा सकता है।
Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Question Answers
श्रुतलेख
अंतरिक्ष, विज्ञान, सैटेलाइट्स, अनुसंधान, चन्द्रयान।
(अध्यापक पाठ के बाहर से भी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं।
उत्तर- विद्यार्थी इन शब्दों को कंठस्थ करके इन्हें अपनी कापी पर लिखें। पाठ को समझें-
(1) सही उत्तर पर (✓) तथा गलत पर (x) चिह्न लगाएँ-
(क) चाँद हमें चाँदनी देता है।
(ख) चन्द्रयान-1 2023 को लॉन्च किया गया था।
(ग) चन्द्रयान-2 सफलता के साथ अपना कार्य नहीं कर पाया।
(घ) चन्द्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त, 2023 को सफलतापूर्वक चाँद पर उतर गया।
उत्तर-
(क) चाँद हमें चाँदनी देता है। (X)
(ख) चन्द्रयान-1 2023 को लॉन्च किया गया था। (X)
(ग) चन्द्रयान-2 सफलता के साथ अपना कार्य नहीं कर पाया। (✓)
(घ) चन्द्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त, 2023 को सफलतापूर्वक चाँद पर उतर गया। (✓)
(2) मिलान कीजिए-
(क) विज्ञान का जानकार चाँद
(ख) भारत से संबंधित सूरज
(ग) धरती का उपग्रह वैज्ञानिक
(घ) आग का गोला भारतीय
उत्तर-
(क) विज्ञान का जानकार वैज्ञानिक
(ख) भारत से संबंधित भारतीय
(ग) धरती का उपग्रह चाँद
(घ) आग का गोला सूरज
(3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-
मौखिक –
(क) इसरो की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर- इसरो की स्थापना 15 अगस्त, 1969 को हुई थी।
(ख) चन्द्रयान-1 कब लॉन्च किया गया?
उत्तर – चन्द्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 को लॉन्च किया गया था।
(ग) चन्द्रयान-3 ने साफ्ट लैंडिंग कब की?
उत्तर- चन्द्रयान-3 का विक्रम लैंडर चन्द्रमा के दक्षिणी धुव्र की सतह पर 23 अगस्त, 2023 की भारतीय समय 6:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहा।
लिखित-
(क) भारत ने अब तक कितने चन्द्रयान मिशन भेजे हैं और क्यों?
उत्तर-भारत ने अब तक तीन चन्द्रयान मिशन भेजे हैं क्योंकि पहले दो चन्द्रयान मिशन असफल हो गए थे।
(ख) चन्द्रयान-1 कब लॉन्च किया गया और क्यों?
उत्तर – चन्द्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 को लॉन्च किया गया । इसका प्रमुख उद्देश्य चन्द्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे, पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था।
(ग) चन्द्रयान-2 की असफलता का क्या कारण था?
उत्तर- जब चन्द्रयान-2 चन्द्रमा की सतह पर उतरने का प्रयास कर रहा था और चन्द्रमा की सतह 2.1 कि०मी० की ऊँचाई पर था। इस तरह मिशन असफल रहा।
(घ) चन्द्रयान-3 के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें।
उत्तर – चन्द्रयान-2 की असफलता के बाद सॉफ्ट लैडिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु चन्द्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था । चन्द्रयान-3 का विक्रम लैंडर चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव की सतह पर 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 6:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतरने में कामयाब रहा। इसी के साथ भारत चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया।
(4) रिक्त स्थान भरिए-
(क) ग्रहों का चक्कर लगा रहे आकाशीय पिंड ………… कहलाते हैं।
(ख) पृथ्वी का उपग्रह ………… है।
(ग) 22 जुलाई, 2019 को ………… लॉन्च किया गया।
(घ) चन्द्रयान-2 मिशन ………… रहा।
उत्तर-
(क) ग्रहों का चक्कर लगा रहे आकाशीय पिंड उपग्रह कहलाते हैं।
(ख) पृथ्वी का उपग्रह चाँद है।
(ग) 22 जुलाई, 2019 को चन्द्रयान-2 लॉन्च किया गया।
(घ) चन्द्रयान-2 मिशन असफल रहा।
(5) निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
सूरज, चाँद, हवा, वैज्ञानिक, सतह।
उत्तर-
(1) सूरज-सूरज अपने प्रकाश से सारी धरती को रोशनी देता है।
(2) चाँद-चाँद पृथ्वी का उपग्रह है।
(3) हवा-पहाड़ों पर ठण्डी-ठण्डी हवा चलती है।
(4) वैज्ञानिक – वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से हमारा जीवन आसान हो गया है।
(5) सतह – चन्द्रयान चाँद की सतह पर उतरता है।
(6) भाषा को समझें-
विलोम शब्द लिखिए-
(क) प्राकृतिक —……………
(ख) असफल —……………
(ग) मुश्किल —……………
(घ) विश्वास —……………
उत्तर-
(क) प्राकृतिक — कृत्रिम
(ख) असफल — सफल
(ग) मुश्किल — आसान
(घ) विश्वास — अविश्वास।
(7) रचनात्मक कार्य
(क) अपनी पसंद के किसी वैज्ञानिक की जीवनी पढ़िए और उसके आविष्कारों को जानें और समझें।
उत्तर- डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम की जीवनी
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वे 21वीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में से एक थे और उनके जन्मदिन को पूरे विश्व में ‘विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले के धनुषकोडि गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अबुल पक्कीर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम’ था। वे एक साधारण और गरीब परिवार से थे, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने सफलता की ऊँचाइयों को छू लिया। बचपन में ही उन्होंने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए काम करना शुरू कर दिया, लेकिन अपनी पढ़ाई को कभी नहीं छोड़ा। उनके पिता मछुआरों को नाव किराए पर देते थे और भले ही वे औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके, लेकिन उनकी सोच बहुत ऊँची थी। उन्होंने हमेशा अपने बेटे को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
डॉ. कलाम की प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम में हुई। वे बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखते थे। उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़कर देश के मिसाइल और अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ मिसाइलों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाने के कारण ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार भी मिले।
2002 में वे भारत के राष्ट्रपति बने और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सेना और देश की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सादगी, ईमानदारी और जनता के प्रति समर्पण के कारण उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया। वे हमेशा आम लोगों के लिए सुलभ रहे और अपने पद को सेवा का माध्यम बनाया। एक प्रसिद्ध घटना के अनुसार, जब उनके परिजन राष्ट्रपति भवन में नौ दिन तक रुके, तो उन्होंने वहाँ का पूरा खर्च स्वयं अपनी जेब से भरा।
राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ. कलाम शिक्षा और युवाओं के मार्गदर्शन की ओर लौटे। वे युवाओं को प्रेरित करने के लिए देशभर में व्याख्यान देते रहे और शिक्षा के महत्व पर बल देते रहे। उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें ‘विंग्स ऑफ़ फायर’, ‘इंडिया 2020’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स’ और ‘माई जर्नी’ प्रमुख हैं। उनकी किताबों में व्यक्त विचार और उद्धरण लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं।
डॉ. कलाम को उनके योगदान के लिए 45 से अधिक विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका जीवन और व्यक्तित्व सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे अपने विचारों, सादगी और महानता के लिए सदैव याद किए जाएंगे।
(ख) बच्चों को अलग-अलग वैज्ञानिकों के चित्र दिखाकर उनके कार्यो से अवगत करवाया जाए। (चार्ट बनवाया जाए)
उत्तर- विभिन्न वैज्ञानिक और उनके कार्य-
साइकिल
1818 में बैरन कार्ल वॉन ड्रैस द्वारा आविष्कार किया गया
कंप्यूटर
1832 में चार्ल्स बैबेज द्वारा आविष्कार किया गया
सिलाई मशीन
1846 में इलियास होवे द्वारा आविष्कार किया गया
ग्लाइडर
1853 में सर जॉर्ज केली द्वारा आविष्कार किया गया
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टाइपराइटर
1873 में क्रिस्टोफर लाथम द्वारा आविष्कार किया गया
टेलीफ़ोन
1876 में एलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल द्वारा आविष्कार किया गया
ग्रामोफ़ोन
1877 में थॉमस अल्वा एडीसन द्वारा आविष्कार किया गया
प्रकाश बल्ब
1989 में थॉमस अल्वा एडीसन द्वारा आविष्कार किया गया
(ग) पुस्तकालय अथवा इंटरनेट की सहायता से चन्द्रयान की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
उत्तर-अध्यापक विद्यार्थियों की सहायता करें।
Chand Ki Aur Chandrayan Class 3 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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