कहानी ” शेखीबाज़ मक्खी ” JKBOSE के कक्षा 3 (Class 3rd of JKBOSE) के छात्रों के लिए सरस भारती हिंदी का दूसरा पाठ है। इस कहानी के लेखक योगेश जोशी हैं। यह पोस्ट JKBOSE Solutions Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी (Shekhibaaz Makhhi) के बारे में है। इस पोस्ट में आप कहानी शेखीबाज़ मक्खी के शब्दार्थ, कहानी का सार और इसके प्रश्न उत्तर (Question Answers of Shekhbaaz Makhhi) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने JKBOSE Solutions Class 3 Hindi Chapter 1 प्रार्थना (Prarthana) के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
JKBOSE Solutions Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी
Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी शब्दार्थ (Word Meaning)
शब्द | अर्थ |
---|---|
जंगल | वन |
ऊब | थक जाना |
सूंढ़ | हाथी का मुँह |
मुश्किल | कठिन |
भोजन | खाना |
विशालकाय | आकर में बहुत बड़ा |
घायल | जख़्मी |
लड़ना | झगड़ा |
प्रणाम | नमस्ते |
फँसती | चंगुल में आना |
मंद-मंद | धीरे-धीरे |
पंजा | शेर की हथेली |
स्नान | नहाना |
धन्य | भाग्यशाली |
जवाब | उत्तर |
घमंड | अपने ऊपर अभिमान करना |
Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी पाठ का सार
एक जंगल में एक शेर भोजन करके आराम कर रहा था। एक मक्खी उड़ती हुई उसके पास आई। वह मक्खी शेर के कान के पास बैठकर भिनभिना रही थी। शेर की नींद खुल गई और वह परेशान हो गया। शेर ने मक्खी को पकड़ने के लिए पंजा बढ़ाया, पर मक्खी तेज़ी से उड़ गई। शेर ने दोबारा प्रयास किया, पर मक्खी फिर उड़ गई।
शेर को गुस्सा आया और वह मक्खी को धमकी देने लगा, “अरे मक्खी, दूर हट। वरना तुझे अभी जान से मार डालूँगा ।” ” मक्खी भी कम न थी । वह शेर के कान के पास जाकर भिनभिनाने लगी।
शेर आग बबूला हो उठा। उसने अपने कान के पास जोर से पंजा मारा। मक्खी तो उड़ गई पर शेर के अपने नाखूनों से उसका कान छिल गया। अब मक्खी उड़कर शेर की नाक पर बैठ गई। शेर ने मक्खी को पकड़ने के लिए फिर पंजा मारा। मक्खी फिर उड़ गई और पंजे से शेर की नाक छिल गई। इस प्रकार मक्खी कभी शेर के माथे पर बैठती तो कभी गाल पर और कभी उसकी गर्दन पर । शेर भी उसे पकड़ने के लिए पंजा मारता जाता और घायल होता जाता । अंत में शेर थक गया। वह बोला, “मक्खी बहन, अब मुझे छोड़ो। मैं हारा और तुम जीती।
यह सुनकर मक्खी घमण्ड में भर कर उड़ती हुई आगे बढ़ गई। सामने उसे एक हाथी मिला। “अरे हाथी! मुझे प्रणाम कर। मैंने जंगल के राजा शेर को हराया है। अब इस जंगल में मेरा राज चलेगा ।” हाथी ने सोचा, इस पागल मक्खी से बहस करने में समय कौन बर्बाद करे। उसने सूँड ऊपर उठाकर मक्खी को प्रणाम किया और आगे बढ़ गया ।
सामने से आ रही लोमड़ी ने यह सारा नज़ारा देखा और मुस्कराने लगी। मक्खी ने लोमड़ी को भी प्रणाम करने के लिए कहा। लोमड़ी ने भी उसे प्रणाम किया और धीरे मुस्कराते हुए कहा, “वाह, बहुत बड़ी बात है! लेकिन सुनो, वह मकड़ी वहां है, जो तुम्हें गालियां दे रही थी। उसकी जरा खबर लो न।”
मक्खी यह सुनकर गुस्से से लाल हो उठी। वह मकड़ी की तरफ वी झपटी। वह मकड़ी के जाल में फंस गई। जितना वह जाल से निकलने के लिए हाथ-पाँव मारती, उतना ही वह और फंसती जाती। अन्त में वह थक- हार कर बैठ गई। यह देखकर लोमड़ी मुस्कराती हुई वहाँ से चली गई।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए, और अपना गुस्सा कम करके और समझदारी से समस्याओं का सामना करना चाहिए।
Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी प्रश्न उत्तर (Question Answers)
* कैसी लगी कहानी-
प्रश्न 1. तुम्हें कहानी में कौन सबसे अच्छा लगा ? क्यों ?
उत्तर- हमें इस कहानी में हाथी का स्वभाव सबसे अच्छा लगा। वह घमण्डी मक्खी के मुँह नहीं लगा। उसने मक्खी से बहस करके अपना से समय नष्ट नहीं किया।
प्रश्न 2. मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी ? फिर क्या हुआ होगा ? कहानी आगे बढ़ाओ ।
उत्तर-मक्खी मकड़ी के जाल में फँस गई थी। उसने जाल से बाहर निकलने की जितनी कोशिश की होगी सब बेकार हो गई होगी। वह और भी बुरी तरह से जाल में फँस गई होगी। फिर वह मकड़ी का भोजन बन गई होगी।
* कहानी का नाम-
प्रश्न 1. अगर कहानी का नाम मक्खी को ध्यान में न रखकर लोमड़ी और शेर को ध्यान में रखकर लिखा जाता हो उसके क्या-क्या नाम हो सकते थे ?
उत्तर- (i) लोमड़ी को ध्यान में रखकर कहानी का नाम होता – चालाक लोमड़ी, समझदार लोमड़ी, या लोमड़ी और मक्खी।
(ii) शेर को ध्यान में रखकर कहानी का नाम होता – बुद्धू शेर, मुर्ख शेर, या शेर और मक्खी।
प्रश्न 2. अब तुम कहानी के लिए एक और नया शीर्षक सोचो। यह शीर्षक कहानी के किसी पात्र पर नहीं होना चाहिए। (कहानी की किसी घटना के बारे में शीर्षक हो सकता है।)
उत्तर- घमण्ड का सिर नीचा या घमंड का नतीजा ।
* शेर की जगह तुम……….
प्रश्न 1. मक्खी ने जब शेर को जगाया तो वह आग बबूला हो गया। तुम्हें जब कोई गहरी नींद से जगाता है तो तुम क्या करते हो?
उत्तर- जब मुझे कोई नींद से जगाता है तो मैं भी गुस्सा हो जाता हूँ और जगाने वाले पर थोड़ा झल्लाते हूँ और कहता हूँ कि मुझे अभी सोने दो। मेरी नींद पूरी नहीं हुई है।
प्रश्न 2. मक्खी उड़ाते-उड़ाते शेर ऊब गया था। तुम क्या करते-करते ऊब जाते हो ?
उत्तर- मैं स्कूल का काम करते-करते और अधिक देर तक टी.वी. देखते-देखते ऊब जाता हूँ।
प्रश्न 3. मान लो तुम शेर हो। मक्खी ने तुम्हारे साथ जो कुछ भी किया वह लोमड़ी को बताओ।
उत्तर- देखो बहन लोमड़ी, मैं जंगल का राजा हूँ, मक्खी ने मेरे साथ बहुत बुरा व्यहार किया। मैं खाना खाकर पेड़ की छाया में आराम से सो रहा था कि इस शैतान मक्खी ने मेरे कान में भिनभिना कर मुझे गहरी नींद से जगा दिया। जब मैंने उसे दूर हटने के लिए के लिए कहा और उसे मार डालने की धमकी दी तो उसने मुझे लड़ने की चुनौती दे डाली। गुस्से में आकर जब मैंने इसे पकड़ना चाहा तो वह उड़ गई और मेरे ही नाखूनों से मेरे कान, नाक और गाल जख्मी हो गए हैं। इस छोटी-सी मक्खी ने मेरे नाक में दम कर दिया है। तुम मुझे बचाओ, मेरी मदद करो।
प्रश्न 4. शेर तो भोजन करके आराम कर रहा था। तुम खाना खाकर क्या करते हो?
उत्तर- अक्सर मैं दोपहर को खाना खाकर थोड़ी देर के लिए सो चला जाता हूँ। कभी कभी – हम कभी कभी भोजन करके अपनी बहन के साथ लूडो खेलता हूँ या टहलने भी चला जाता हूँ।
प्रश्न 5. शेर ने भोजन में क्या खाया होगा ? तुम क्या-क्या खाते हो?
उत्तर- शेर ने अपने भोजन में किसी जानवर जैसे हिरण का शिकार करके उसका माँस खाया होगा। मैं दालें, हरी सब्ज़ियाँ, पनीर, मक्खन, दूध, दही, फल चावल और रोटी खाता हूँ।
प्रश्न 6. किसे क्या कहा-
नीचे कहानी से जुड़ी तस्वीरें दी गई हैं। उसमें कुछ न कुछ बोला जा रहा है। सोचो ओर लिखो कौन क्या बोल रहा है ?
उत्तर- मक्खी शेर से- “ओ जंगल के राजा ! बैठे बैठे सो रहे हो । अभी तुम्हारी नींद चौपट करती हूँ।”
शेर मक्खी से- “ऐ दुष्ट मक्खी चली जा यहाँ से, नहीं तो अभी तेरा काम तमाम कर दूँगा।”
मक्खी हाथी से- ” हाथी क्या तुम मुझससे लड़ सकते हो?”
मक्खी लोमड़ी से- “लोमड़ी रानी क्या तुम मुझसे डर गई?”
लोमड़ी मक्खी से – “बड़ी शेखी बघारती फिरती थी अब आई काबू में । अब जाल से बाहर निकल कर दिखा।”
* कौन क्या?
कहानी के हिसाब से बताओ-
घमण्डी………. डरपोक……….
चतुर………. सबसे चतुर……….
समझदार………. आलसी……….
उत्तर- (i) घमण्डी = मक्खी। (ii) डरपोक = मकड़ी।
(iii) चतुर = लोमड़ी। (iv) सबसे चतुर = लोमड़ी।
(v) समझदार = हाथी। (vi) आलसी = शेर।
* चुटकी बजाते ही-
‘चुटकी बजाने‘ का मतलब होता है- ‘बहुत जल्दी से‘।
प्रश्न 1. तुम कौन-कौन से काम चुटकी बजाते कर लेते हो ? बताओ।
उत्तर- हम नहाने-धोने और दाँत साफ करने, दूध पीने, जूते पहनने, बालों में कंघा करने, स्कूल की वर्दी पहनने, के कार्य चुटकी बजाते ही कर लेते हैं। अपने स्कूल से मिले हिन्दी विषय का कार्य भी हम चुटकी बजाते ही कर लेते हैं।
प्रश्न 2. अब तुम अपनी एक टोली बनाओ। तुममें से एक लीडर बनेगा। वह बाकी बच्चों को करने के लिए काम देगा जिसे चुटकी बजाते ही करना होगा। जैसे : बाहर से पाँच पत्तियाँ लाओ और उनके नाम बताओ या शेखीबाज़ मक्खी के पात्रों के नाम बताओ। जो सबसे जल्दी कर ले वह लीडर बने।
उत्तर-विद्यार्थी अपने साथियों की सहायता से यह खेल खेलें।
* रास्ता ढूँढो-
यह मकड़ी उस रास्ते से जाना चाहती है जिस पर चलकर सबसे ज्यादा जाले मिलें । अन्दर जाने के लिए 1, 2, 3, 4 और 5 में से कौन-सा रास्ता होगा ?
उत्तर- रास्ता नं : 4 में ज्यादा जाले मिलेंगे।
* भाषा की बात-
इन वाक्यों को अपने ढंग से लिखकर बताओ-
(i) शेर आग बबूला हो उठा।
(ii) उसकी ज़रा खबर लो न।
(iii) उस मकड़ी को तो मैं चुटकी बजाते ही खत्म कर देती हूँ।
(iv) जंगल के राजा के मुँह से ऐसी भाषा कहीं शोभा देती है।
उत्तर- (i) शेर आग बबूला हो उठा- मक्खी द्वारा बार-बार तंग किए जाने पर शेर गुस्से से काँपने लगा।
(ii) उसकी ज़रा खबर लो न- खरगोश ने शेर से कहा कि उधर कुएँ में रहने वाला शेर अपने आप को जंगल का राजा कहता फिरता है आप उसकी ज़रा खबर लो न।
(iii) उस मकड़ी को तो मैं मिन्टों में ही मार देती हूँ।
(iv) जंगल के राजा के मुँह से ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं।
* उड़ते- मँडराते-
इनके पास तुमने अक्सर किन-किन को उड़ते मँडराते देखा है ?
(i) जलते बल्ब के आसपास …………. …………..
(ii) खेतों में …………. …………..
(iii) इकट्ठे पानी के ऊपर …………. …………..
(iv) फूलों पर …………. …………..
(v) कचरे के ढेर पर …………. …………..
(vi) हलवाई की मिठाइयों पर …………. …………..
उत्तर- (i) जलते बल्ब के आसपास भुनगा, पतंगा।
(ii) खेतो में टिड्डी, पक्षी।
(iii) इकट्ठे पानी के ऊपर मक्खी, मच्छर।
(iv) फूलों पर तितली, भँवरों।
(v) कचरे के ढेर पर मच्छर, मक्खी।
(vi) हलवाई की मिठाइयों पर मक्खी , मच्छर ।
* कौन है शेखीबाज?
प्रश्न- क्या तुम किसी शेखीबाज को जानते हो ? कौन है वह ? वह किस चीज़ के बारे में शेखी बघारता है ?
उत्तर- मैं एक शेखीबाज़ को जानता हूँ। वह है मेरा सहपाठी राजू। उसके चाचा विदेश में रहते हैं और समय-समय पर उसे विदेशी वस्तुएँ उपहार स्वरूप भेजते रहते हैं। वह अपने घर में बहुत अधिक विदेश चीज़े होने की शेखी बघारता है।
JKBOSE Solutions Class 3 Hindi Chapter 2 शेखीबाज़ मक्खी के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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