कहानी “अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ” JKBOSE के कक्षा 3 (Class 3rd of JKBOSE) के छात्रों के लिए सरस भारती हिंदी (Saras Bharti Hindi Class 3rd) का नौवां पाठ है। यह पोस्ट अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ Class 3 Hindi Question Answers (Akal Badi Ya Bhains Chapter Class 3rd JKBOSE Question Answers) के बारे में है। इस पोस्ट में आप अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ के शब्दार्थ, सारांश और इसके प्रश्न उत्तर (Akal Badi Ya Bhains Aur Kab Aaun Chapter ke Question Answers) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने बन्दर बाँट Chapter 8 Class 3 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ Class 3 Hindi Question Answers
अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ Class 3 Hindi (Word Meaning)
शब्द | अर्थ |
---|---|
पहलवान | अत्यधिक बलवान व्यक्ति |
अक्ल | दिमाग |
क्विंटल | 100 किलोग्राम का एक माप |
चारदीवारी | मकान या मैदान के चारों ओर बनी हुई दीवार |
रंगाई | कपड़े रंगने का काम |
गाँववासियो | गाँव में रहने वाले |
ईर्ष्या | जलन |
परेशान | तंग |
ख़ास | विशेष |
मंसूबा | ईरादा |
भाँपते | टोह लेना |
चाल | दाँव |
हिम्मत | साहस |
अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ Class 3 Hindi Chapter 9 के सारांश
पाठ 9 (1). अक्ल बड़ी या भैंस पाठ का सार
आफ्रंती शहर में एक पहलवान रहता था। एक दिन उसने आफ्रंती से कहा, “बुद्धिमान तो तुम हो, लेकिन मेरी ताकत तुमसे अधिक है।” आफ्रंती ने पूछा, “सचमुच? फिर तुममें कितनी ताकत है?” पहलवान ने उत्तर दिया, “मैं पाँच किंवटल की चट्टान को सिर्फ एक हाथ से उठा सकता हूँ और उसे आसमान में फेंक सकता हूँ।” आफ्रंती ने कहा, “ठीक है, तुम मेरे साथ चलो, हम देखेंगे कौन शक्तिशाली है।”
आफ्रंती ने पहलवान को शहर की चारदीवारी के पास ले गया और कहा, “अब इस रुमाल को दीवार के पार फैंक कर दिखाओ।” अहंकार में लिपटे हुए पहलवान ने ने कहा, “यह भी कोई बड़ी बात है। उसने पूरी ताकत लगाई और उसे जोर से रुमाल फेंका। लेकिन रुमाल वहीं गिरा ।
आफ्रंती ने हंसते हुए कहा, “अब मेरी बारी।” उसने रुमाल में एक छोटे से पत्थर को बाँधकर दीवार के पार फेंका। पत्थर दीवार को पार करके चला गया। आफ्रंती ने हँसते हुए कहा, “देखा, असली ताकत बुद्धिमानी में ही होती है, ब्राह्मण।”
(2). कब आऊँ पाठ का सार
अवंती ने एक छोटी-सी रंगाई की दुकान खोली और गाँव के लोगों के लिए कपड़ा रंगना शुरू किया। सभी लोग उसके काम की सराहना करते थे। अवंती की प्रशंसा सुनकर एक सेठ को उससे बहुत ईर्ष्या हुई। वह उसे परेशान करने के लिए एक दिन उसकी दुकान पर पहुँचा और कहने लगा कि यह कपड़ा अच्छी तरह रंग देना। मैं देखना चाहता हूँ कि तुम्हारा हुनर कैसा है? मैंने तुम्हारी काफ़ी तारीफ सुनी थी, इसीलिए आया हूँ।
अवंती ने सेठ जी से पूछा कि आप किस रंग में कपड़ा रंगवाना चाहते हैं। इस सेठ ने कहा कि मुझे हरा, पीला, नीला, सफेद, नारंगी, आसमानी, काला और बैंगनी रंग बिल्कुल पसंद नहीं है। अवंती उसकी चालाकी समझ गई और सेठ के हाथ से कपड़ा लेकर उसे अलमारी में रख दिया। सेठ खुश होते हुए बोला- “अच्छा तो इसे लेने मैं किस दिन आऊं?” अवंती ने तपाक से कहा कि आप इसे लेने सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को छोड़कर किसी भी दिन आ सकते हैं। सेठ समझ गया कि उसकी चाल उल्टी पड़ चुकी है। वह चुपचाप वहाँ से खिसक गया और दोबारा कभी उसकी दुकान पर नहीं आया।
- कहानी से-
अभ्यास प्रश्नों के उत्तर
(i) सेठ ने किस रंग में कपड़ा रंगने को कहा?
उत्तर- सेठ ने हरा, पीला, सफेद, नारंगी, नीला, आसमानी, काला और बैंगनी रंग को छोड़कर किसी भी रंग में कपड़ा रंगने को कहा।
(i) अवंती ने कपड़ा अलमारी में बंद कर दिया। क्यों?
उत्तर- अवंती सेठ का इरादा जान गया था, इसलिए उसने कपड़ा अलमारी में बंद कर दिया क्योंकि वह उसे उसी की भाषा में समझाना चाहता था।
(iii) सेठ कपड़ा लेने किस दिन आया होगा?
उत्तर- सेठ कपड़ा लेने ही नहीं आया होगा क्योंकि वह समझ गया था कि अवंती को उसकी चाल पता चल गई है।
- कौन छुपा है कहाँ?
नीचे के वाक्यों में कुछ हरी-भरी सब्ज़ियों के नाम छुपे हैं। ढूँढो तो ज़रा-
- अब भागो भी, बारिश होने लगी है।
उत्तर- गोभी।
- मामू लीला मौसी कहाँ है?
उत्तर-मूली ।
- शीला के पास बैग नहीं है?
उत्तर- बैंगन।
- रानी बोली- हमसे मत बोलो।
उत्तर- सेम।
- गोपाल कबूतर उड़ा दो ।
उत्तर- पालक।
- सही जोड़े मिलाओ-
उत्तर-
ईर्ष्या —- जलन
प्रशंसा —- तारीफ़
कतई —- बिल्कुल
ऊँची —- बुलंद
अवश्य —- ज़रूर
- चित्रों को देखो। क्या इन्हें देखकर तुम्हें कुछ मुहावरे या कहावतें याद आती हैं? उन्हें लिखो।
उत्तर-
(i) दीपक तले अंधेरा ।
(ii) हाथ कंगन को आरसी क्या ।
(iii) आस्तीन का साँप ।
(iv) एक और एक ग्यारह ।
- कहो कहानी-
विद्यालय, गुरुजी, छुट्टी, बंदर, डंडा, पेड़, केला, ताली, बच्चे, भूख।
इन शब्दों को पढ़कर तुम्हारे मन में कुछ बातें आई होंगी। इन सब चीज़ों के बारे में एक छोटी-सी कहानी बनाओ और अपने साथियों को सुनाओ।
उत्तर- मेरी कहानी शुरू होती है एक विद्यालय में, जहाँ गुरू जी ध्यान से विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे। कक्षा में सभी छात्र ध्यान से सुन रहे थे। कुछ समय बाद, आधी छुट्टी का समय आने वाला था। तभी एक बंदर वहाँ आ पहुंचा। गुरू जी ने उसे देखा और उसके पीछे डंडा लेकर भागे। बंदर पेड़ पर चढ़ गया। एक बच्चे ने बंदर की तरफ से केला फेंका। बंदर को भूख लगी थी, और उसने केला लपककर खा लिया। बच्चे ने बंदर को केला खाते हुए देखकर सब छात्र खुशी से ताली बजाने लगे। बंदर ने केला खा कर वहाँ से चला गया।
- उछालो-
एक रुमाल या कोई छोटा-सा कपड़ा उछालकर देखो। किसका रुमाल सबसे ऊँचा उछलता है ?
उत्तर- रुमाल या कोई छोटा-सा कपड़ा लगभग एक समान ऊँचाई तक ही उछालते हैं
रुमाल के साथ बिना कुछ बाँधे इसे और ऊँचा कैसे उछाला जा सकता है ?
उत्तर- रुमाल को इकट्ठा करके उसकी छोटी-सी तह बना कर ऊपर फेंकने पर यह काफी ऊँचाई तक ऊपर जा सकता है।
- समझ – समझदारी-
रंगाई शब्द रंग से बना है। इसी तरह और शब्द बनाओ ।
रंग | रंगाई |
---|---|
साफ | |
चढ़ | |
बुन |
उत्तर-
रंग | रंगाई |
---|---|
साफ | सफाई |
चढ़ | चढ़ाई |
बुन | बुनाई |
उपरोक्त सभी मूल शब्दों के पीछे आई प्रत्यय लगा कर बनाए गए शब्द हैं। क्या समझे-
- जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उनका मतलब बताओ-
(i) मुझे बैंगनी रंग कतई अच्छा नहीं लगता। ___________
(ii) अवंती ने सेठ का मंसूबा भाँप लिया। ___________
(iii) मैं तुम्हारा हुनर देखना चाहता हूँ। ___________
(iv) सेठ बुलंद आवाज़ में बोला। ___________
(v) सेठ को ईर्ष्या होने लगी। ___________
(vi) रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं ___________
उत्तर-
(i) मुझे बैंगनी रंग कतई अच्छा नहीं लगता। बिल्कुल
(ii) अवंती ने सेठ का मंसूबा भाँप लिया। इरादा
(iii) मैं तुम्हारा हुनर देखना चाहता हूँ। कला
(iv) सेठ बुलंद आवाज़ में बोला। ऊँची
(v) सेठ को ईर्ष्या होने लगी। जलन
(vi) रंग के बारे में मेरी कोई खास पसंद तो है नहीं विशेष
- कैसा लगा अवंती-
अवंती के बारे में कुछ वाक्य लिखो। तुम उसके कपड़ों, शक्ल-सूरत, पालतू-पशु, बुद्धि आदि के बारे में बता सकती हो।
उत्तर- अवंती कपड़ा रंगने का काम करता है। उसका विशेषता से भरा हुआ लम्बा-सा कुर्त्ता हमेशा पहना होता है, साथ ही तम्बा पहना जाता है। उसकी सुंदरता में वृद्धि के लिए, उसके सिर पर टोपी होती है, और घुंघराले बाल उसकी छवि को और भी आकर्षक बनाते हैं। उसकी ठोड़ी पर छोटी-सी दाढ़ी भी होती है, जो उसके चेहरे को और भी आदर्शनी बनाती है। वह अपने काम में काफी मेहनती है। उसने भार ढोने के लिए एक गधा भी पाल रखा है, जो कि उसका पालतू-पशु और सहारा है। अवंती बहुत तेज बुद्धि वाला है और उसे दुकान पर आए ग्राहकों की बातों से उनके मन की बात समझ जाता है। उसका रंगरेजी उसे ग्राहकों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करता है और उसे एक सशक्त व्यवसायी बनाता है।
- जोड़े ढूँढ़ो-
दिन- दीन
मेला – मैला
ऊपर दिए गए शब्दों के जोड़ों में केवल एक मात्रा बदली गई है। किसी भी मात्रा को बदलने से अर्थ भी बदल जाता है। ऐसे और जोड़े बनाओ। देखें कौन सबसे ज़्यादा जोड़े ढूंढ पाता है।
उत्तर-
(i) ओर – और।
(ii) चला – चाल।
(iii) ज़रा – जरा।
(iv) सुनी – सूनी।
(vi) पर – परी।
(viii) काला – काल।
(v) पूछ – पूँछ।
(vii) हरा – हारा ।
- कुछ कलाकारी-
‘कब आऊँ‘ वाले किस्से को चित्रकथा के रूप में लिखो-
उत्तर- स प्रश्न का उत्तर छात्रों ने स्वयं चित्र बनाकर करना है। विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से यह प्रयास करें।
- क्या है फालतू –
कभी-कभी हम अपनी बात करते हुए ऐसे शब्द भी बोल देते हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं होती। इसी तरह इन वाक्यों में कुछ फालतू हैं। उन्हें ढूँढ कर अलग करो-
- बाज़ार से हरा धनिया पत्ती भी ले आना
- यह पीला पका पपीता काट लो ।
- अरे! रस में इतनी सारी ठण्डी बर्फ़ क्यों डाल दी ?
- जेबा, बगीचे से दो ताज़े नींबू तोड़ लो ।
- बेकार की फालतू बात मत करो।
उत्तर- 1. बाज़ार से हरा धनिया भी ले आना। (पत्ती)
- यह पका पपीता काट लो। (पीला)
- अरे! रस में इतनी सारी बर्फ़ क्यों डाल दी? (ठंडी)
- जेबा, बगीचे से दो नींबू तोड़ लो। (ताज़े)
- बेकार की बात मत करो। (फ़ालतू)
अक्ल बड़ी या भैंस और कब आऊँ Class 3 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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