कविता “कौन सिखाता है” JKBOSE के कक्षा 3 (Class 3rd of JKBOSE) के छात्रों की पाठय-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 3 हिंदी (Bhasha Prwah Class 3rd Hindi) का दसवाँ पाठ है। यह पोस्ट Kon Sikhata Hai Poem Class 3 Hindi Question Answersके बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ नमन आपको के शब्दार्थ, पाठ का सार और इसके प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Murga aur Lomdi Class 3 Hindi Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Kon Sikhata Hai Poem Class 3 Hindi Question Answers
Kon Sikhata Hai Class 3 Hindi Poem Text (कौन सिखाता है कविता)
कौन सिखाता है चिड़ियों को
चीं-चीं, चीं-चीं करना?
कौन सिखाता फुदक फुदककर
उनको चलना-फिरना?
कौन सिखाता फुर्र से उड़ना
दाने चुग चुग खाना?
कौन सिखाता तिनके
ला-लाकर घोंसले बनाना?
कौन सिखाता है बच्चों का
लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी,
कौन सिखाता उनको?
कुदरत का यह खेल
वही हमको सब कुछ देती
किंतु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।
हम सब उसके अंश कि जैसे
तरु, पशु, पक्षी सारे
हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज, चाँद, सितारे।
Kon Sikhata Hai Class 3 Poem Word Meaning (कौन सिखाता है शब्दार्थ)
अभ्यास
शब्दार्थ-
शब्द | अर्थ |
---|---|
फुदककर | उड़ना। |
दुलार | प्यार। |
चौकसी | चौकन्ना। |
कुदरत | प्रकृति। |
अंश | भाग। |
वंशज | संतान। |
तरु | वृक्ष। |
Kon Sikhata Hai Class 3 Hindi Poem Explanation (कौन सिखाता है सरलार्थ)
कौन सिखाता है चिड़ियों को
चीं-चीं, चीं-चीं करना?
कौन सिखाता फुदक फुदककर
उनको चलना-फिरना?
कौन सिखाता फुर्र से उड़ना
दाने चुग चुग खाना?
प्रसंग: यह अनुच्छेद चिड़ियों के स्वाभाविक व्यवहार और उनकी गतिविधियों का वर्णन करता है। इसमें पूछा गया है कि कौन उन्हें चीं-चीं करना, फुदकना और उड़ना सिखाता है।
व्याख्या: इस भाग में कवि चिड़ियों के जीवन के अनोखे पहलुओं को उजागर कर रहा है। वह उनकी मासूमियत और स्वाभाविकता को देखकर आश्चर्य करता है कि कैसे ये पक्षी बिना किसी प्रशिक्षक के अपनी सारी गतिविधियाँ सीखते हैं। कवि के अनुसार, उनकी हर क्रिया सहज और प्राकृतिक होती है।
कौन सिखाता तिनके
ला-लाकर घोंसले बनाना?
कौन सिखाता है बच्चों का
लालन-पालन उनको?
माँ का प्यार, दुलार, चौकसी,
कौन सिखाता उनको?
प्रसंग: यह अनुच्छेद पक्षियों के घोंसले बनाने, बच्चों का लालन-पालन करने और सुरक्षा प्रदान करने की बात करता है।
व्याख्या: इस भाग में कवि चिड़ियों के परिवार-प्रेम और उनकी चौकसी की प्रशंसा करता है। वह यह दर्शाने का प्रयास करता है कि चिड़ियों को यह सब कुदरत ने सिखाया है। बिना किसी औपचारिक शिक्षा के, वे अपने बच्चों का पालन-पोषण करती हैं और सुरक्षा का ध्यान रखती हैं। यहाँ चिड़ियों की मातृ-प्रेम और संवेदनशीलता पर विशेष बल दिया गया है।
कुदरत का यह खेल
वही हमको सब कुछ देती
किंतु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।
हम सब उसके अंश कि जैसे
तरु, पशु, पक्षी सारे
हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज, चाँद, सितारे।
प्रसंग: यह अनुच्छेद कुदरत के अनुपम खेल और उसके निस्वार्थ स्वभाव का वर्णन करता है।
व्याख्या: कवि यह बताता है कि कुदरत ही हर जीव को वह सब कुछ प्रदान करती है जिसकी उसे आवश्यकता है। कुदरत का यह खेल अद्भुत और अनमोल है। वह हमें सब कुछ देती है, लेकिन बदले में हमसे कुछ भी नहीं लेती। यह अनुच्छेद प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता और उसके महत्व को समझने की प्रेरणा देता है।
श्रुतलेख
चिड़ियों, घोंसले, फुदककर, दुलार, चौकसी, कुदरत, अंश, वंशज, सूरज, चाँद, सितारे।
उत्तर- विद्यार्थी इन शब्दों को कंठस्थ करके इन्हें अपनी कापी पर लिखें।
(1) पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
(क) कौन सिखाता फुदक-फुदक कर
……………………………………….?
(ख) कौन सिखाता फुर से उड़ना
……………………………………….?
(ग) माँ का प्यार, दुलार, चौकसी
……………………………………….?
(घ) किंतु नहीं बदले में हमसे
……………………………………….?
(ङ) हम सब उसके वंशज
……………………………………….?
उत्तर-
(क) कौन सिखाता फुदक-फुदक कर
उनको चलना-फिरना?
(ख) कौन सिखाता फुर से उड़ना
दाने चुग-चुग खाना?
(ग) माँ का प्यार, दुलार, चौकसी
कौन सिखाता उनको?
(घ) किंतु नहीं बदले में हमसे
वह कुछ भी है लेती।
(ङ) हम सब उसके वंशज
जैसे सूरज, चाँद, सितारे।
(2) पाठ को समझें-
मौखिक –
(क) चिड़ियों को चीं-चीं करना कौन सिखाता है?
उत्तर- चिड़ियों को चीं-चीं करना कुदरत सिखाती है।
(ख) कुदरत बदले में हमसे क्या लेती है?
उत्तर – कुदरत बदले में हमसे कुछ भी नहीं लेती।
लिखित-
(क) कुदरत किसे कहते हैं?
उत्तर -हमारे चारों ओर घटने वाले प्राकृतिक कार्य को कुदरत कहते हैं।
(ख) कौन-कौन कुदरत के अंश हैं?
उत्तर- पेड़, पशु, पक्षी और हम सब उसके वंश के जैसे सूरज, चाँद और सितारें कुदरत के अंश हैं।
(3) सही उत्तर पर (✓) तथा गलत पर (x) चिह्न लगाएँ-
(क) चिड़िया चीं-चीं करती है। ( )
(ख) चिड़िया दाने चबा-चबा कर खाती है। ( )
(ग) चिड़िया अपना घोंसला ईंट सीमेंट से बनाती है। ( )
(घ) कुदरत हमको सब कुछ देती है। ( )
(ङ) हम सब ईश्वर के अंश हैं। ( )
उत्तर-
(क) चिड़िया चीं-चीं करती है। (✓)
(ख) चिड़िया दाने चबा-चबा कर खाती है। (X)
(ग) चिड़िया अपना घोंसला ईंट-सीमेंट से बनाती है। (X)
(घ) कुदरत हमको सब कुछ देती है। (✓)
(ङ) हम सब ईश्वर के अंश हैं। (✓)
(4) वचन बदलो-
एकवचन बहुवचन
चिड़िया …………
तिनका …………
घोंसला …………
दाना …………
सितारा …………
तारा …………
बच्चा …………
उत्तर-
एकवचन बहुवचन
चिड़िया चिड़ियाँ
तिनका तिनके
घोंसला घोंसले
दाना दाने
सितारा सितारे
तारा तारे
बच्चा बच्चे
(5) इन शब्दों के पर्यायवाची कविता में से ढूँढ़कर लिखिए-
(क) अम्मा …………
(ख) जानवर …………
(ग) सूर्य …………
(घ) पशु …………
उत्तर-
(क) अम्मा माँ
(ख) जानवर पशु
(ग) सूर्य सूरज
(घ) पशु जानवर
(6) रचनात्मक कार्य:
(क) सभी छात्र अपनी परियोजना-पुस्तिका में अलग-अलग पक्षियों के घोंसलों के चित्र चिपकाकर नाम लिखें।
उत्तर – विद्यार्थी अपने आस-पास रहने वाले पक्षियों और उनके घोंसलों का चित्र अपनी पुस्तिका पर चिपकाएँ।
(7) जीवन कौशल:
(क) ‘कौन सिखाता है‘ कविता के माध्यम से कवि हमें क्या संदेश दे रहा है?
उत्तर- इस कविता में यह बताया गया है कि हम सब प्रकृति के अंश हैं जैसे पशु-पक्षी, चाँद-सितारे आदि । प्रकृति से सीखकर अपना जीवन यापन तथा अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं वैसे ही हम प्रकृति से स्नेह, एकता, परोपकार आदि सीखते हैं।
Kon Sikhata Hai Poem Class 3 Hindi Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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