पाठ ” दाता रणपत ” JKBOSE के कक्षा 4 (JKBOSE Class 4th Hindi) की पाठ्य-पुस्तकभाषा प्रवाह भाग 4 हिंदी (Bhasha Prwah Bhag 4) का दूसरा पाठ है। यह पोस्ट Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” दाता रणपत ” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर (Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 Question Answers) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Suman Ek Upvan Ke JKBOSE Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 Question Answers
Data Ranpat Chapter Word Meaning (दाता रणपत पाठ शब्दार्थ)
शब्द | अर्थ |
---|---|
प्रसिद्ध | मशहूर, नामी। |
लोकनायक | जन-जन के नेता। |
न्यायप्रिय | न्याय को पसंद करने वाले। |
दानवीरता | दान देने में साहसी पुरुष । |
दाता | देने वाला। |
चाव | रुचि, शौक। |
आदर | सम्मान। |
शांतिप्रिय | शांति - पसंद। |
पक्ष | तरफ। |
कठिन समय | मुश्किल समय। |
कपटी | छल-कपट करने वाला, धोखेबाज़। |
दुष्ट | शैतान। |
छल-कपट | धोखा। |
संबंधियों | रिश्तेदारों। |
निपटाने | हल निकालने, समाप्त कराने। |
निर्णय | फैसला । |
पक्ष | तरफ, ओर। |
द्वेष | वैर। |
कुष्टरोग | कोढ़। |
स्मरण | याद। |
सौगंध | क़सम। |
शांतिप्रिय | अमनपसंद। |
अन्यायी | बेईमान । |
सदस्य | समाज से संबंध रखनेवाला व्यक्ति । |
हथियाना | हड़पना । |
समर्थन | किसी विषय में सहमत होना । |
ध्यानपूर्वक | ध्यान लगाकर । |
निर्दोष | बिना दोष का, निरपराध । |
प्रलोभन | लालच दिखाना । |
बलिदान | कुर्बानी। |
श्रद्धा | आदरपूर्ण आस्था या विश्वास । |
निपटारा | निपटने या निपटाने की अवस्था, क्रिया भाव। |
Data Ranpat Chapter Explanation (दाता रणपत पाठ का सार)
दाता रणपत जम्मू के एक प्रसिद्ध न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वे ‘दानवीर’ भी थे। इसी कारण लोग उन्हें ‘दाता’ कहने लगे थे। वह अपनी न्यायप्रियता और दानवीरता के कारण लोगों में बहुत प्रसिद्ध थे। लोगों को उन पर तथा उनके दिए गए फैसले पर पूरा-पूरा विश्वास रहता था।
दाता रणपत का जन्म बीरपुर गाँव में हुआ था। बचपन से ही शांतिप्रिय रणपत सदा लड़ाई-झगड़ों से दूर ही रहते थे। उन दिनों बीरपुर का जागीरदार बाँगी चाड़क बड़ा ही दुष्ट, अन्यायी और कपटी था। उसने अपने सगे-संबंधियों की ज़मीन भी धोखे से छीन ली थी। इसी कारण बाँगी और उनके संबंधियों में झगड़ा चल रहा था। बीरपुर के सरपंच दाता रणपत थे, इसलिए बाँगी के संबंधियों ने उन्हें फैसले के लिए बुलाया। माता आलमा ने बेटे को इस झगड़े में न पड़ने को कहा लेकिन रणपत नहीं माना।
रणपत ने सबकी बात ध्यानपूर्वक सुनी और सोच-समझकर जो फैसला दिया उससे बाँगी के सभी संबंधी प्रसन्न हुए। लेकिन बाँगी इस निर्णय से बहुत दुःखी हुआ, क्योंकि फैसला उसके हक में नहीं था। उसने रणपत को मरवा डालने की ठान ली। उसने जिससे भी रणपत की हत्या करने की बात की उसी ने साफ-साफ ऐसा करने से इन्कार कर दिया। उधर रणपत के मौसेरे भाई जो रणपत से द्वेष रखते थे, बाँगी के इस जाल में फँस गए और रणपत की उन्होंने धोखे से हत्या कर दी। लेकिन सत्य और न्याय के इस प्रेमी को लोग भुला न पाए। सत्य और न्याय के लिए दिए गए दाता. रणपत के बलिदान को आज तक याद किया जाता है । आज भी लोग बीरपुर जाकर उनकी समाधि पर फूल चढ़ाते हैं।
निर्दोष दाता रणपत की हत्या करवाने वाला बाँगी भी सुखी न रहा। उसे कोढ़ हो गया। उसके सारे शरीर के अंग गल गए और उसके परिवार के सदस्य भी उसे छोड़ गए।
Data Ranpat Chapter 2 JKBOSE Question Answers
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
(1) बताएँ और लिखें-
(क) दाता रणपत कौन थे? रणपत को ‘दाता’ क्यों कहते थे ?
उत्तर—दाता रणपत जम्मू के एक प्रसिद्ध न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वे न्यायप्रिय होने के साथ-साथ दानवीर भी थे, इसीलिए लोग उन्हें ‘दाता रणपत’ कहने लगे थे। लोगों को उन पर तथा उनके दिए गए फैसले पर पूरा-पूरा विश्वास रखते थे।
(ख) रणपत का स्वभाव कैसा था?
उत्तर—स्वभाव से रणपत एक शांतिप्रिय और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वह लड़ाई-झगड़ों से दूर ही रहा करते थे । वह सदा दीन-दु:खियों की सेवा में डटे रहते थे।
(ग) बीरपुर का जागीरदार कौन था?
उत्तर – बीरपुर का जागीरदार बाँगी चाड़क था। वह बड़ा अन्यायी, कपटी और दुष्ट व्यक्ति था । उसने अपने सगे-संबंधियों की ज़मीन भी धोखे से छीन ली थी।
(घ) बाँगी ने हेड़ी को लालच क्यों दिया?
उत्तर – दाता रणपत बीरपुर के सरपंच थे । उन्होंने बाँगी चाड़क के खिलाफ फैसला दिया था जिससे बहुत वह क्रोधित था। रणपत से अपना बदला लेने के लिए बाँगी चाड़क उनकी हत्या करना चाहता था । इसलिए उसने एक बदनाम जाट हेड़ी को लालच दिया था ताकि वह रणपत की हत्या करे ।
(च) ‘रणपत’ के समय डुग्गर प्रदेश की दशा कैसी थी?
उत्तर – ‘रणपत’ के समय डुग्गर प्रदेश छोटी-छोटी जागीरों में बँटा हुआ था।
(छ) रणपत के बलिदान को किस लिए याद किया जाता है?
उत्तर — सत्य और न्याय के लिए दिए गए दाता. रणपत के बलिदान को आज तक याद किया जाता है। आज भी लोग बीरपुर जाकर उनकी समाधि पर फूल चढ़ाते हैं।
(2) विलोम शब्द लिखें-
(क) (i) कठिन = सरल
(ii) पुरस्कार = …….
(iii) समर्थन = …….
(iv) सुखी = …….
(ख) (i) सत्य = …….
(ii) न्याय = …….
(iii) विश्वास = …….
(iv) शांति = …….
उत्तर- (क) (i) कठिन = सरल
(ii) पुरस्कार = दंड
(iii) समर्थन = विरोध
(iv) सुखी = दुःखी
(ख) (i) सत्य = असत्य
(ii) न्याय = अन्याय
(iii) विश्वास = अविश्वास
(iv) शांति = अशांति
आवश्यक जानकारी – उपर्युक्त सभी विलोम शब्द हैं । विपरीत अर्थ बताने वाले शब्द विलोम, विपरीत या विरोधी शब्द कहलाते हैं ।
(3) वाक्य बनाएँ—
छोटी-छोटी
उदाहरण – छोटी-छोटी- हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ना नहीं चाहिए ।
लड़ाई-झगड़े
बच्चे-बूढ़े
करते-कराते
उत्तर- छोटी-छोटी – मैं अपने काम में हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखता हूँ ।
लड़ाई-झगड़े – लड़ाई-झगड़े में समय बर्बाद करना व्यर्थ है ।
बच्चे-बूढ़े – हमारे गांव के बच्चे-बूढ़े सभी क्रिकेट के दीवाने हैं ।
करते-कराते – कमरे का सारा सामान इकट्ठा करते-कराते मुझे देर हो गई।
(4) सही शब्द चुनकर वाक्य पूरे करें-
(शांतिप्रिय, सच्चे, समाधि, श्रद्धा, दीन-दुःखियों, कुष्ठ रोग)
(क) दाता रणपत जम्मू के ……………… लोकनायक थे ।
(ख) लोग बीरपुर जाकर उनकी …………… पर……………के फूल चढ़ाते हैं ।
(ग) बाँगी को …………… हो गया।
(घ) दाता रणपत ……………की सेवा करते थे।
(ङ) बचपन से ही रणपत ……………थे।
उत्तर- (क) दाता रणपत जम्मू के सच्चे लोकनायक थे ।
(ख) लोग बीरपुर जाकर उनकी समाधि पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं ।
(ग) बाँगी को कुष्ठ रोग हो गया।
(घ) दाता रणपत दीन-दुःखियों की सेवा करते थे।
(ङ) बचपन से ही रणपत शांतिप्रिय थे।
(5) पढ़ें, समझें और लिखें-
(क) झगड़ा – झगड़े
तिनका = ………..
उत्तर- झगड़ा = झगड़े ।
तिनका = तिनके ।
(ख) कथा = कथाएँ
लता = ……………
समाधि = ……………
नदी = ……………
उत्तर- कथा = कथाएँ ।
लता = लताएँ ।
समाधि = समाधियाँ ।
नदी = नदियाँ ।
(ग) कहानी = कहानियाँ ।
लड़ाई = ……………
उत्तर- कहानी = कहानियाँ ।
लड़ाई = लड़ाइयाँ ।
आवश्यक जानकारी – उपर्युक्त सभी शब्द एकवचन शब्दों का बहुवचन रूप हैं है । अतः जहाँ एक वस्तु हो वहाँ एकवचन और यदि वस्तु की संख्या एक से अधिक हो तो बहुवचन होता है ।
(6) पढ़ें, समझें और लिखें-
सुंदर = सुंदरता।
सरल = ……………
दानवीर = ……………
कठिन = ……………
समान = ……………
नम्र = ……………
उत्तर – सुंदर = सुंदरता ।
सरल = सरलता ।
दानवीर = दानवीरता ।
समान = समानता ।
कठिन= कठिनता ।
नम्र = नम्रता ।
नोट — उपर्युक्त शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द हैं।
(7) स्तंभ ‘क‘, ‘ख‘ और ‘ग‘ में दिए वाक्यांशों से सही वाक्य बनाकर लिखें-
'क' | 'ख' | 'ग' |
---|---|---|
दाता रणपत | जम्मू के प्रसिद्ध लोकनायक के बलिदान को आज भी को जाल में फँसाया और उनकी के मौसेरे भाई उनसे द्वेष | हत्या कर दी थे । याद किया जाता है। करते थे। |
उत्तर— (i) दाता रणपत जम्मू के प्रसिद्ध लोकनायक थे ।
(ii) दाता रणपत के बलिदान को आज भी याद किया जाता है।
(iii) दाता रणपत को जाल में फँसाया और उनकी हत्या कर दी।
(iv) दाता रणपत के मौसेरे भाई उनसे द्वेष करते थे।
(8) दिए गए शब्दों से वाक्य बनाएँ-
(पुरस्कार, प्रसिद्ध, दाता, शांतिप्रिय, कठिन, बलिदान, लोकनायक ।)
उत्तर- (i) पुरस्कार – विजेताओं को अतिथि महोदय ने पुरस्कार दिए ।
(ii) प्रसिद्ध – पेठा आगरा की प्रसिद्ध मिठाई है ।
(iii) दाता – रणपत की दानवीरता के कारण लोग उनको ‘दाता’ कहने लगे ।
(iv) शांतिप्रिय – राहुल एक शांतिप्रिय लड़का है ।
(v) कठिन – दृढ़ निश्चय से कठिन से कठिन काम भी पूरा किया जा सकता है ।
(vi) बलिदान – हमारे देश क लिए बलिदान देने वाले वीरों पर हमे गर्व है ।
(vii) लोकनायक – दाता रणपत जम्मू के प्रसिद्ध लोकनायक थे।
(9) श्रुतलेख – शांतिप्रिय, प्रसिद्ध, संबंधी, ध्यानपूर्वक, समर्थन, निर्णय, श्रद्धा, निर्दोष, अन्यायी, लोकनायक, समाधि, बलिदान, कुष्ठ रोग, विश्वास ।
उत्तर – विद्यार्थी अपनी उत्तर-पुस्तिकाओं में लेखन अभ्यास करें।
(10) दाता रणपत के विषय में पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर – दाता रणपत जम्मू के प्रसिद्ध लोकनायक थे। वह बड़े शांत स्वभाव के थे और लड़ाई-झगड़ों से वह सदा दूर रहते थे। वह हमेशा दीन दुखियों की सेवा में लगे रहते थे। उनकी दानवीरता को देखकर लोग उन्हें ‘दाता’ कहने लगे। सरल स्वभाव के रणपत ने सत्य और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। उन्होंने सत्य और न्याय के लिए अपना जीवन तक बलिदान दे दिया ।
(11) पढ़ें और लिखें-
रणपत की जीवन-गाथा आज भी लोग बड़े आदर से सुनते-सुनाते हैं ।
उत्तर – विद्यार्थी इनका लेखन अभ्यास करें।
Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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