पाठ “सीलवा हाथी और लोभी मित्र” JKBOSE के कक्षा 4 (JKBOSE Class 4th Hindi) की पाठ्य-पुस्तक भाषा प्रवाह भाग 4 हिंदी (Bhasha Prwah Class 4th Hindi) का दसवां (Chapter 10) पाठ है। यह पोस्ट Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Class 4 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” सीलवा हाथी और लोभी मित्र” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े प्रश्न उत्तर पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Mann Ke Bhole Bhale Badal Class 4 Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Class 4 Question Answers
Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Class 4 Word Meaning (सीलवा हाथी और लोभी मित्र शब्दार्थ)
शब्द | अर्थ |
---|---|
कांतिमय | चमकदार |
विलाप | बिलख-बिलख कर रोना |
निर्जन | एंकात |
गज | हाथी |
निर्धनता | गरीबी |
जनमानस | लोग |
याचना | प्रार्थना |
वन | जंगल |
काल | मृत्यु |
तत्काल | तुरंत |
भूमि | धरती |
पुनरागमन | दोबारा आना |
Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Chapter Summary (सीलवा हाथी और लोभी मित्र पाठ का सार)
वन में एक ऐसा हाथी रहता था, जिसका शरीर चाँदी की तरह सफेद और चमकदार था। उसकी आँखें हीरे की तरह चमकती थीं और दाँत सुहागा लगे सोने के जैसे दिखाई देते थे। वह अस्सी हज़ार गजों का राजा था। एक दिन, जंगल में भटका हुआ एक व्यक्ति उसे मिला। हाथी, जिसका नाम सीलवा था, उस व्यक्ति की मदद करना चाहता था। लेकिन व्यक्ति डर के मारे उससे दूर भागता रहा। कुछ समय बाद, व्यक्ति समझ गया कि सीलवा उसकी मदद के लिए आया है। तब हाथी ने उसे अपनी सूँड से उठाकर पीठ पर बैठा लिया, उसे फल खाने को दिए, और बस्ती के पास सुरक्षित छोड़ दिया।
वह व्यक्ति बेहद लालची निकला। शहर पहुँचकर उसने हाथी के दाँत का सौदा कर लिया। फिर वह सीलवा के पास वापस आया और अपनी गरीबी दूर करने का बहाना बनाकर दाँत मांगने लगा। दयालु हाथी ने उसकी मदद के लिए अपने दाँत दान कर दिए। लेकिन उसकी लालच खत्म नहीं हुई। उसने दो बार और दाँत मांगे, और सीलवा ने हर बार उसे अपने दाँत दे दिए। अंत में, खून से लथपथ और अत्यधिक पीड़ा झेलते हुए सीलवा की मौत हो गई।
जब वह व्यक्ति हाथी के दाँत लेकर लौट रहा था, तभी धरती फटी और वह लालची व्यक्ति उसमें समा गया। एक वृक्ष पर बैठी यक्षिणी यह सब देख रही थी। उसने गाते हुए कहा कि तृष्णा कभी खत्म नहीं होती, और इंसान की भूख उसे हमेशा और अधिक पाने के लिए मजबूर करती है। इस घटना ने सिखाया कि लालच का परिणाम हमेशा विनाशकारी होता है।
Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Chapter Question Answers
अभ्यास
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
(क) सीलवा के सौंदर्य का वर्णन कीजिए?
उत्तर- सीलवा एक हाथी का नाम था। उसका शरीर चाँदी की तरह चमकीला और सफेद था और उसकी आंखें हीरे की तरह चमकदार थी। उसकी ड सुहागा लेने के समान कांतिमय थी।
(ख) वन में भटका व्यक्ति सीलवा से क्यों डर रहा था?
उत्तर- वन में भटका व्यक्ति सीलवा से इसलिए डर रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि सीलवा उसे मारने आ रहा है।
(ग) वह आदमी किस प्रकृति का था?
उत्तर- वह आदमी लोभी और कृतघ्न था।
(घ) सीलवा ने आदमी की किस याचना को स्वीकार किया?
उत्तर- सीलवा ने आदमी की निर्धनता दूर करने के लिए अपनो दांतो को दान करने की याचना स्वीकार की ।
(ङ) सीलवा की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- जब सीलवा के सारे दाँत निकाल लिए गए, खून से लथपथ सीलवा दर्द के कारण जीवित न रह सका और उधर ही दम तोड़ दिया।
(2) विलोम शब्द:-
निर्भीक भयभीत लोभी त्यागी
कृतघ्न ………. समूल ……….
समुचित ………. यक्षिणी ……….
प्रस्थान ………. हर्ष ……….
उत्तर-
कृतघ्न कृतज्ञ समूल निर्मल
समुचित अनुचित यक्षिणी राक्षसी
प्रस्थान आगमन हर्ष विषाद
(3) वाक्य बनाए:-
जैसे:- गले का हार – श्रवण कुमार अपने माता पिता के गले का हार था।
विलाप करना
……………………………..
भीगी बिल्ली बनना
……………………………..
अपना उल्लू सीधा करना
……………………………..
उत्तर-
विलाप करनाः- जब मैंने उसकी यात्रा के बारे में सुना, मैंने विलाप किया।
भीगी बिल्ली बननाः- कमजोर लोग चोरों को देखकर भीगी बिल्ली बन जाते हैं।
अपना उल्लू सीधा करना:- महेश सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना जानता है।
(4) योग्यता विस्तारः-
लोभी व्यक्ति पर कोई अन्य कहानी पढ़े। दानवीर कर्ण के आधार पर कविता “कहानी कर्ण की” पढ़े और उसकी दानवीरता का वर्णन करें।
उत्तर- स्वय अभ्यास कर ।
(5) प्रत्यास्मरणः-
(क) सीलवा का शरीर कैसा था?
उत्तर- सीलवा का शरीर चाँदी की तरह चमकीला था।
(ख) वन में भटके व्यक्ति को सीलवा ने क्या प्रस्ताव दिया?
उत्तर- वन में भटके व्यक्ति को सीलवा ने सहायता का प्रस्ताव दिया।
(ग) भागता हुआ आदमी निर्भय कैसे हुआ?
उत्तर- सीलवा जैसे ही पांव आगे बढ़ाता, आदमी पीछे भागने लगा जाता, फिर सीलवा अपनी जगह पर खड़ा हो जाता, इसी वजह से आदमी को पता चल गया कि हाथी उसे मारने नहीं आ रहा है इसलिए आदमी निभ्रय हो गया।
(घ) सीलवा ने व्यक्ति को पीठ पर कैसे बिठाया?
उत्तर- सीलवा ने व्यक्ति को अपनी सूंड पर उठाकर पीठ पर बिठाया।
(ङ) वह आदमी दोबारा सीलवा के पास क्यों गया?
उत्तर- वह आदमी दोबारा सीलवा के पास उसके दाँत मांगने के लिए गया।
प्रश्न 6. स्तंभ क, ख और ग में दिए गए वाक्याशों से सार्थक वाक्य बनाकर लिखें।
क | ख | ग |
---|---|---|
सीलवा | खतरनाक हाथी | साधना कर रहा था । |
ने वन में भटके व्यक्ति को | जीवित न रह पाया। | |
दान पारमी होने की | बहुत दया आई। | |
खून से लथपथ दर्द से व्याकुल | नहीं था। | |
को उस व्यक्ति पर | रोते हुए देखा |
उत्तर-
क | ख | ग |
---|---|---|
सीलवा | खतरनाक हाथी | नहीं था। |
सीलवा | ने वन में भटके व्यक्ति को | साधना कर रहा था। |
सीलवा | दान पारमी होने की | बहुत दया आई। |
सीलवा | खून से लथपथ दर्द से व्याकुल | रोते हुए देखा। |
सीलवा | को उस व्यक्ति पर | जीवित न रह पाया। |
(7) निम्नलिखित शब्दों की सहायता से रिक्त स्थान भरें।
यक्षिणी, दाँतों, दर्द, चाँदी, विलाप, दम
(क) सीलवा का शरीर ………….. की तरह चमकीला और सफ़ेद था।
(ख) वन में विचरण करते हुए एक दिन सीलवा ने एक व्यक्ति को ………….. विलाप करते हुए देखा।
(ग) उस व्यक्ति ने शहर लौटकर सीलवा के ………….. को बेचा और उनकी भरपूर कीमत पाई।
(घ) खून से लथपथ ………….. से व्याकुल सीलवा जीवित न रह सका और उसने ………….. तोड़ दिया।
(ङ) तभी वहां वास करती हुई एक वृक्ष ………….. ने यह गाना गाया ।
उत्तर-
(क) सीलवा का शरीर चांदी की तरह चमकीला और सफ़ेद था।
(ख) वन में विचरण करते हुए एक दिन सीलवा ने एक व्यक्ति को विलाप करते हुए देखा।
(ग) उस व्यक्ति ने शहर लौटकर सीलवा के दाँतों को बेचा और उनकी भरपूर कीमत पाई ।
(घ) खून से लथपथ दर्द से व्याकुल सीलवा जीवित न रह सका और उसने दम तोड़ दिया।
(ङ) तभी वहां वास करती हुई एक वृक्ष यक्षिणी ने यह गाना गाया।
(8) श्रुतलेखः-
सूँड कांतिमय विचरण विलाप भंगिमाओं
निर्जन उपक्रम निर्भीक प्रस्ताव कृतघ्न
पुनरागमन सहर्ष अनुगृहित गतव्य तत्काल
प्रस्थान व्याकुल यक्षिणी तृष्णा
(9) शब्दार्थ:-
उत्तर- इसका उत्तर ऊपर दिए गए टेबल से देख लें।
Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Class 4 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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