पाठ “दान की हिसाब नीति” JKBOSE के कक्षा 4 (JKBOSE Class 4th Hindi) की पाठ्य-पुस्तक सरस भारती भाग 4 हिंदी का ग्यारहवां (Chapter 11) पाठ है। यह पोस्ट Daan Ki Hisabneeti JKBOSE Class 4 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” दान की हिसाब नीति ” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े प्रश्न उत्तर (Daan Ki Hisabneeti JKBOSE Class 4 Hindi Chapter 11 Question Answers) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Salvi Hathi aur Lobhi Mitr Class 4 Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Daan Ki Hisabneeti JKBOSE Class 4 Question Answers
Daan Ki Hisabneeti Word Meaning (दान की हिसाब नीति शब्दार्थ)
शब्द | अर्थ |
---|---|
लकदक | महँगे भड़कीले, जगमगाते, चमकते हुए। |
नामी | प्रसिद्ध नामवाला, मशहूर। |
विद्वान | ज्ञानी, जाननेवाला। |
कष्ट | दुख। |
मर्ज़ी | इच्छा। |
अकाल | सूखा। |
ज़रूरतमंद | जिसे आवश्यकता हो, निर्धन, गरीब। |
दिवालिया | कंगाल, अचानक गरीब होना। |
प्रकोप | किसी बीमारी का और अधिक तेज़ होना। |
वाकई | सचमुच। |
गुहार | रक्षा के लिए पुकार, प्रार्थना। |
खुराक | भोजन, आहार। |
राजकोष | सरकारी खजाना। |
हुक्म | आदेश। |
Daan Ki Hisabneeti Chapter Summary (दान की हिसाब नीति कहानी का सार)
एक राजा था। वह बहुत कंजूस था. उसने वास्तव में अपने सुख के लिए गरीबों और निराश्रितों की मदद नहीं की। राज्य सभा में दरिद्र, दुखी, विद्वान और सज्जन लोग नहीं आते थे। एक बार उस देश की पूर्वी सीमा पर भयंकर अकाल पड़ा। लोग भूख और प्यास से मर गए लेकिन राजा ने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया। असहाय जनता ने सहायता के लिए केवल दस हज़ार रुपए मांगे पर राजा ने मना कर दिया।
जब लोगों ने महल की साज-सज्जा और वैभव पर खर्च किये गये धन की चर्चा की तो राजा क्रोधित हो गया। राजा के पास बैठे लोग दुखी लोगों की मदद करना चाहते थे लेकिन वे राजा के सामने अपना मुंह नहीं खोल पाते थे। दो दिन बाद एक साधु राजा के पास आया। उसने राजा की प्रशंसा की और उसे आशीर्वाद दिया। जब राजा ने पूछा कि वह क्या चाहता है, तो उसने कहा कि वह बीस दिनों तक प्रतिदिन राजकोष से बहुत छोटी भिक्षा प्राप्त करना चाहता है। जो कुछ वह पहले दिन लेगा वह दूसरे दिन दोगुना और फिर तीसरे दिन दोगुना कर दिया जाएगा।
उसने उस दिन राजा से केवल एक रुपया मांगा। राजा खुश हुआ कि उसे बहुत कम पैसे में राहत मिल गई। राजा के आदेश के अनुसार शाही भण्डारी प्रतिदिन हिसाब-किताब करने लगा और उसे भिक्षा देने लगा। दो सप्ताह बाद उन्होंने मंत्री को इस मामले की जानकारी दी. मंत्री के कहने पर उसने हिसाब लगा कर बताया कि बीस दिन बाद वह राजकोष से दस लाख अड़तालीस हज़ार पाँच सौ पिचहत्तर रुपये दे चुका होगा। यह सुनकर मंत्री को चक्कर आ गया।
उसने यह बात राजा को बतायी। यह सुनकर राजा बेहोश हो गया। होश आने पर साधु को बुलाया गया। साधु ने राजा से कहा कि उसे अकाल से निपटने के लिए केवल पचास हजार रुपये की जरूरत है। धन मिलते ही वह मान लेगा कि उसे सारी भिक्षा मिल गई। राजा को उसे पचास हजार रुपये देने पड़े। तब सभी ने कहा, “हमारे राजा कर्ण के समान उदार हैं।”
Daan Ki Hisabneeti JKBOSE Class 4 Hindi Question Answers
(1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :-
(क) राजा किसी को भी दान क्यों नहीं देना चाहता था?
उत्तर – राजा को अपनी जनता की कोई परवाह नहीं थी क्यूंकि वह स्वार्थी था । वह केवल अपने और अपने परिवार पर धन खर्च करना चाहता था। इसलिए वह किसी को दान नहीं देना चाहता था ।
ख) राज दरबार के लोग मन ही मन राजा को बुरा कहते थे लेकिन वे राजा का विरोध क्यों नहीं कर पाते थे ?
उत्तर – राजा क्रोधी स्वभाव का था इसलिए राज दरबार के लोग चाहे मन ही मन उसे बुरा कहते थे पर उसके सामने मुंह खोलने से डरते थे और उसका विरोध नहीं कर पाते थे।
(ग) राजसभा में सज्जन और विद्वान् लोग क्यों नहीं जाते थे?
उत्तर – राजसभा में राजा के द्वारा सज्जनों और विद्वानों का स्वागत-सत्कार नहीं किया जाता था। राजा उनका आदर नहीं करता था इसलिए वे वहाँ नहीं जाते थे।
(घ) संन्यासी ने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा क्यों नहीं माँग ली?
उत्तर – संन्यासी राजा के क्रोधित स्वभाव से भली-भाँति परिचित था। वह जानता था की अगर उसने लोगों की मदद के नाम पर इतने धन की भिक्षा मांगी तो राजा मना कर देगा। इसलिए उसने सीधे-सीधे शब्दों में भिक्षा नहीं मांगी थी।
(ङ) राजा को संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
उत्तर – राजा संन्यासी को दान देने का वचन दे चूका था । बाद में उसको मालूम हुआ कि संन्यासी चाल में फंस कर उसको लगभग दस लाख रुपए देने पड़ेंगे । अपने धन को बचाने के लिए उसे संन्यासी के आगे गिड़गिड़ाना पड़ा था।
(2) अंदाज़ अपना-अपना
तुम नीचे दिए गए वाक्यों को किस तरह से कहोगे ?
(क) दान के वक्त उनकी मुट्ठी बंद हो जाती थी ।
उत्तर – दान के वक्त वे अपना मुँह फेर लेते थे।
(ख) हिसाब देखकर मंत्री का चेहरा फीका पड़ गया।
उत्तर – हिसाब देख कर मंत्री के तोते उड़ गए थे।
(ग) संन्यासी की बात सुनकर सभी की जान में जान आई।
उत्तर – संन्यासी की बात सुनकर सभी ने राहत की साँस ली।
(घ) लाखों रुपए राजकोष में मौजूद हैं। जैसे धन का सागर हो ।
उत्तर – राजकोष में अपार धन पड़ा हुआ है।
(3) निम्नलिखित शब्दों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
सन्यासी, क्रोध, अकाल, धन, हाथों, राजभंडार
(क) एक बार उस देश में …………. पड़ गया।
(ख) महाराज, ………… से हमारी सहायता करें।
(ग) राजकोष में अधिक …………. है तो क्या उसे दोनों …………. से लूटा दूँ।
(घ) सह सुनकर राजा को …………. आ गया।
(ङ) एक बूढ़ा …………. राजसभा में आया।
उत्तर-
(क) एक बार उस देश में …………. पड़ गया।
(ख) महाराज, ………… से हमारी सहायता करें।
(ग) राजकोष में अधिक …………. है तो क्या उसे दोनों …………. से लूटा दूँ।
(घ) सह सुनकर राजा को …………. आ गया।
(ङ) एक बूढ़ा …………. राजसभा में आया।
(4) ‘कर्ण’ के अतिरिक्त किसी अन्य दानवीर की कहानी का शिक्षक कक्षा में वर्णन करें। जैसे :- भामाशाह, राजा हरीशचंद्र, महायोगी दधीचि।
उत्तर- शिक्षक कक्षा में वर्णन करें।
(5) साथी हाथ बढ़ाना
कभी-कभी कुछ इलाकों में बारिश बिल्कुल भी नहीं होती । नदी-नाले, तालाब, सब सूख जाते हैं फसलों के लिए पानी नहीं मिलता। खेत सूख जाते हैं । पशु- पक्षी, जानवर, लोग भूखे मरने लगते हैं । ऐसे समय में वहाँ रहने वाले लोगों को मदद की ज़रूरत होती है। तुम भी लोगों की मदद ज़रूर कर सकते हो। सोचकर बताओ तुम अकाल में परेशान लोगों की मदद कैसे करोगे ?
उत्तर – मैं मम्मी-पापा से कुछ धन लेकर अकाल से पीड़ित लोगों की मदद करूंगा। नए-पुराने वस्त्र मुहल्ले से इकट्ठे करके उन्हें सहायता के लिए भेजूँगा । अपने दोस्तों को इस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करूंगा।
ज़िम्मेदारी अपनी-अपनी
तुम्हारे विचार से राज दरबार में किसकी क्या – क्या ज़िम्मेदारियाँ होंगी ?
(क) मंत्री – …………….
(ख) भंडारी – …………
उत्तर – (क) मंत्री – सलाह-मशवरा देना ।
(ख) भंडारी – राजकोष का हिसाब-किताब करना।
(6) कर्ण जैसा दानी
सभी ने कहा, “हमारे महाराज कर्ण जैसे ही दानी हैं ।”
पता करो कि-
(क) कर्ण कौन थे?
उत्तर – कर्ण कुंती और सूर्य देव के पुत्र थे । वे धर्मात्मा और दानवीर थे। वे अति निपुण धनुर्धारी थे।
(ख) कर्ण जैसे दानी का क्या मतलब है?
उत्तर – माना जाता है कि कर्ण अपनी प्रजा तथा ज़रूरतमंदों को हर रोज अत्यधिक मात्रा में दान दिया करते थे। उन जैसा बड़ा दानी इस धरती पर अन्य कोई नहीं हुआ। अब जो अधिक दान करता है उसके लिए ‘कर्ण जैसा दानी’ कह दिया जाता है।
(ग) दान क्या होता है?
उत्तर- दूसरों की सहायता के लिए दिया गया धन, अनाज आदि दान होता है। इसे देने वाला इसे वापस नहीं लेता।
(घ) किन-किन कारणों से लोग दान करते हैं?
उत्तर – दूसरों की सहायता, सामाजिक कार्यों धार्मिक कार्यों, प्राकृतिक मुसीबतों आदि के लिए लोग दान करते हैं।
(7) कहानी और तुम
(क) राजा राजकोष के धन का उपयोग किन किन कामों में करता था?
उत्तर – राजा राजकोष के धन का उपयोग अपने सुखों के लिए करता था ।
– तुम्हारे घर में जो पैसा आता है वह कहाँ- कहाँ खर्च होता है? पता करके लिखो ।
उत्तर—हमारे घर का पैसा पढ़ाई, अनाज, वस्त्र, किराया, मनोरंजन, घरेलू सामान, रोगों के उपचार, यात्रा आदि पर खर्च होता है।
(ख) अकाल के समय लोग राजा से कौन-कौन से काम करवाना चाहते थे?
उत्तर- अकाल के समय लोग राजा से चाहते थे कि वह दूसरे देशों से अनाज खरीद कर भूखे-प्यासे देशवासियों की जान बचाए। वह लोगों की धन से सहायता करे।
– तुम अपने स्कूल या इलाके में क्या-क्या काम करवाना चाहते हो?
उत्तर – मैं अपने स्कूल में अच्छी जल व्यवस्था, शौचालय-व्यवस्था के साथ खेल-कूद के लिए सामान का अच्छा प्रबंध करवाना चाहता हूँ। मैं स्कूल में पेड़-पौधे लगवाना चाहता हूँ । मैं अपने इलाके की सड़कें और बिजली का अच्छा प्रबंध करना चाहता हूं। गंदगी दूर करना चाहता हूँ ।
(8) कैसा राजा
(क) राजा किसी को दान देना पसंद नहीं करता था।
तुम्हारे विचार से राजा सही था या गलत ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ ।
उत्तर- राजा गलत था । राजा का कार्य प्रजा की सेवा और सुख-सुविधा का प्रबंध करना होता है न कि अपने लिए सुख-सुविधाओं के लिए धन खर्च करना नहीं।
ख) राजा दान देने के अलावा और किन- किन तरीकों से लोगों की सहायता कर सकता था?
उत्तर- राजा दान देने के अतिरिक्त अकाल से परेशान लोगों का मनोबल बढ़ा सकता था। बीमारों का उपचार करवा सकता था । उनके पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करवा सकता था। उनके वस्त्रों और आवास की ठीक व्यवस्था करवा सकता था।
(9) पूर्व और पूर्व
पूर्वी सीमा के लोग भूखे प्यासे मरने लगे ।
(क) ‘पूर्व’ शब्द के दो अर्थ हैं
पूर्व – एक दिशा
पूर्व – पहले ।
नीचे ऐसे ही कुछ और शब्द दिए गए हैं जिनके दो-दो अर्थ हैं । इनका प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ ।
जल (पानी) – बिना जल पिये हम कुछ दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकते ।
जल (आग से जलना ) – बिजली की चिंगारियों के कारण फैली आग के कारण राघव का घर पूरी तरह जल गया।
मन (हृदय, इच्छा ) – मेरा मन तो आज केवल खेलने का ही है।
मन (भार की इकाई ) – यह गट्ठर तो कई मन भारी अवश्य है ।
मगर ( पर) – मैं तुम्हारे घर आना तो चाहता हूँ मगर आज मेरे दादा जी दिल्ली से आ रहे हैं।
मगर (मगरमच्छ) – इस तालाब में मगर हैं इसलिए सावधान रहना ।
ख) नीचे चार दिशाओं के नाम लिखे हैं । तुम्हारे घर और स्कूल के आसपास इन दिशाओं में क्या-क्या है ?
तालिका भरो-
उत्तर-
दिशा | घर के पास | स्कूल के पास |
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पूर्व | बाज़ार | मंदिर |
पश्चिम | सिनेमा हाल | पार्क |
उत्तर | स्कूल | बस स्टैंड |
दक्षिण | रेलवे स्टेशन | कॉलेज |
(10) शब्दार्थ :-
उत्तर- इसका उत्तर ऊपर दिए गए टेबल से देख लें।
Daan Ki Hisabneeti JKBOSE Class 4 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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