पाठ ” लल्लेश्वरी” JKBOSE के कक्षा 4 (JKBOSE Class 4th Hindi) की पाठ्य-पुस्तक सरस भारती भाग 4 हिंदी का दूसरा पाठ है। यह पोस्ट Laleshwari Class 4 Hindi Chapter 3 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ “लल्लेश्वरी” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े प्रश्न उत्तर (Laleshwari Chapter 3 Class 4 JKBOSE Hindi Question Answers) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 JKBOSE Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Laleshwari Class 4 Hindi Chapter 3 Question Answers
Laleshwari Class 4 Hindi Chapter Word Meaning (लल्लेश्वरी शब्दार्थ)
शब्दों | अर्थ |
---|---|
प्राकृतिक | कुदरती। |
सौंदर्य | खूबसूरती। |
भूमि | धरती। |
उपहास | मज़ाक। |
उक्ति | कथन। |
जनमानस | लोग। |
उच्चतम | सबसे ऊँचा। |
सत्य | सच। |
सहिष्णु | सहनशील। |
आदर-सत्कार | सम्मान। |
प्रारंभ | शुरुआत। |
विशिष्ट | खास। |
Laleshwari Class 4 Hindi Chapter Explanation (लल्लेश्वरी पाठ का सार)
कश्मीर सदियों से अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध रहा है। इसी पावन भूमि ने कई सिद्धों और साधकों को अपनी ओर आकर्षित किया, जिनमें चौदहवीं सदी की महान शिवभक्त योगिनी लल्लेश्वरी भी शामिल थीं। उनका जन्म श्रीनगर के निकट स्यमपुर गांव में हुआ था। लल्लेश्वरी शैव भक्ति परंपरा की अद्वितीय कड़ी थीं। अपनी शादीशुदा जिंदगी में असंतोष के कारण उन्होंने ससुराल और घर दोनों का त्याग कर दिया और शिव साधना में लीन हो गईं। वह अपने भजनों और कीर्तन के माध्यम से आत्मा की खोज में लगी रहीं, और समाज की आलोचनाओं से बेपरवाह रहीं।
लल्लेश्वरी की वाखों ने कश्मीरी भाषा और भक्ति आंदोलन को एक नया आयाम दिया। उनके वचन, जिन्हें ‘लल्लवाक्य’ के नाम से जाना जाता है, सत्य, सहिष्णुता, और मानवता के मूल्यों का प्रचार करते थे। शिवभक्त होने के बावजूद, वह किसी भी संप्रदाय से परे सत्य की उपासक थीं। उनके पद, जो सिद्धवचन के रूप में प्रसिद्ध हैं, जीवन के गहरे अनुभव और ज्ञान का सार प्रस्तुत करते हैं। उनका व्यक्तित्व सौम्य, सहनशील और गंभीर था, जिसने अनगिनत लोगों का मार्गदर्शन किया।
एक बार, जब लल्लेश्वरी भजन-कीर्तन के बाद मंदिर से लौट रही थीं, तो रास्ते में बच्चों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। वहीं खड़े एक कपड़े के व्यापारी ने बच्चों को वहां से भगाया और लल्लेश्वरी का सम्मान किया। लल्लेश्वरी ने उसे आशीर्वाद दिया और सिखाया कि जीवन में प्रशंसा और निंदा पर समान दृष्टि रखनी चाहिए। दोनों ही जीवन के अनिवार्य पहलू हैं और एक-दूसरे के पूरक हैं। उनका यह संदेश आज भी जीवन को संतुलित और शांति से जीने की प्रेरणा देता है।
Laleshwari Class 4 Hindi Chapter JKBOSE Question Answers
अभ्यास
(1) बताएँ और लिखें-
(क) लल्लेश्वरी का जन्म कब और कहाँ हुआ माना जाता है?
उत्तर- लल्लेश्वरी का जन्म चौदहवीं सदी (1320) में श्रीनगर के निकट स्यमपुर गांव में हुआ था।
(ख) लल्लेश्वरी को अन्य किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर- लल्लेश्वरी लाल, लल्लारिफा, लल्ला योगेश्वरी, लाली श्री इत्यादि।
(ग) लल्लेश्वरी की उक्तियाँ किस नाम से जानी जाती हैं?
उत्तर- उनकी उक्तियां ‘लल्लवाक्य’ नाम से जानी जाती हैं।
(घ) लल्लेश्वरी ने अपने वाखों में किसका प्रचार किया है?
उत्तर- उन्होंने अपनी वाखों में योग मार्ग, मानव बन्धुता और समदर्शिता का प्रचार किया।
(ड) लल्लेश्वरी ने व्यापारी को क्या सीख दी?
उत्तर- लल्लेश्वरी ने व्यापारी को यह सीख दी कि प्रशंसा और निंदा को एक समान भाव से ही देखना चाहिए। हमें प्रशंसा और निंदा पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
(2) विलोम शब्द लिखिए:-
आरभ – अंत
विशिष्ट – साधारण
गाव
एक
विवाहित
सत्य
सम्मान
प्रशंसा
उत्तर-
गाव — शहर
एक — अनेक
विवाहित — अविवाहित
सत्य — झूठ
सम्मान — अपमान
प्रशसा — निंदा
(3) वाक्य बनाएँ:-
धुन का पक्का – संदीप अपनी धुन का पक्का है, वह अवश्य मैच जीतेगा।
एक ही सिक्के के दो पहलू ―
अटूट अंग ―
रोशनी की किरण ―
उत्तर- एक ही सिक्के के दो पहलू – सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
अटूट अंग – भाई उसकी बहन के लिए अटूट अंग होता है।
रोशनी की किरण- उसका आना जीवन में रोशनी की किरण की तरह है।
योग्यता विस्तार
(4) लल्लेश्वरी के अतिरिक्त किसी अन्य कश्मीरी कवि/कवयित्री जानकारी एकत्र करें:-
कश्मीर के प्राकृतिक सौंदय पर लेख लिखें।
उत्तर- (नोट- विद्यार्थी स्वयं करें ।)
प्रत्यस्मरण
(5) लल्लेश्वरी किसकी भक्त थी? लल्लेश्वरी किसकी भक्ति करती थी?
उत्तर- लल्लेश्वरी शिव-भक्त थी ।
(क) लल्लेश्वरी को किस भक्ति परंपरा की कवयित्री कहा जाता है?
उत्तर- इनको शैव भक्ति परम्परा की कवयित्री कहा जाता है ।
(ख) लल्लेश्वरी का व्यक्तित्व किस प्रकार का था?
उत्तर- लल्लेश्वरी का व्यक्तित्व सौम्य, सहिष्णु और गंभीर था।
(ग) उन्होंने सबसे बड़ा जीवन मूल्य किसे बताया ?
उत्तर – प्रेम को सबसे बड़ा जीवन मूल्य बताया
(घ) प्रशंसा और निंदा के संबंध में लल्लेश्वरी के क्या विचार थे?
उत्तर- उनके विचार से प्रंशसा और निंदा को एक समान भाव से ही देखना चाहिए।
(6) समझें और लिखें:-
कश्मीर — कश्मीरी
बर्फ …………
निवास …………
शर्म …………
सरकार …………
रेत …………
विदेश …………
पत्थर …………
व्यापार …………
फुर्ती …………
उत्तर-
बर्फ — बर्फीली
निवास — निवासी
शर्म — शर्मीली
सरकार — सरकारी
विदेश — विदेशी
रेत — रेतीली
पत्थर — पत्थरीली
व्यापार — व्यापारी
फुर्ती — फुर्तीली
(7) स्तंभ क, ख और ग में दिए वाक्याशों से सार्थक वाक्य बनाकर लिखे?
क | ख | ग |
---|---|---|
लललेश्वरी देवी | कश्मीर की प्रसिद्ध | योग मार्ग और मानव बंधुत्व का प्रचार किया। |
गलियों और सड़कों पर | हर संप्रदाय से परे सत्य की पुजारिन थी। | |
ने कश्मीरी भाषा में | लल्लवाक्य के नाम से जानी जाती हैं। | |
शिव भक्त होने पर भी | कवयित्री थी। | |
की उक्तियाँ | बेसुध होकर गाया करती थी। |
उत्तर- लल्लेश्वरी देवी कश्मीर की प्रसिद्ध कवयित्री थी ।
लल्लेश्वरी देवी गलियों और सड़कों पर बेसुध होकर गाया करती थी।
लल्लेश्वरी देवी ने कश्मीरी भाषा में योग मार्ग और मानव बंधुत्व का प्रचार किया।
लल्लेश्वरी देवी शिव भक्त होने पर भी हर संप्रदाय से परे सत्य की पुजारिन थी।
लल्लेश्वरी देवी की उक्तियाँ लल्लवाक्य के नाम से जानी जाती हैं।
प्रश्न 8. शब्दार्थः-
उत्तर- इसका उत्तर पोस्ट की शुरुआत में देखें।
प्रश्न 9. निम्नलिखित वाक्यों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:-
निंदा , लल्लवाक्य, प्रशंसा, आकर्षण, सिद्धों, आशीर्वाद, सीख
(क) प्राकृतिक सौंदर्य के कारण कश्मीर सदियों से …………. का प्रमुख केन्द्र रहा।
(ख) कश्मीर अनेक …….. का साधना स्थल रहा है।
(ग) उनकी उक्तियां …….. के नाम से जानी जाती हैं।
(घ) लल्लेश्वरी ने व्यापारी को .…….. देने के साथ एक …….. भी दी।
(ङ) उन्होंने व्यापारी को समझाया कि जीवन में .…….. और …….. पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
उत्तर-
(क) प्राकृतिक सौंदर्य के कारण कश्मीर सदियों से आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा ।
(ख) कश्मीर अनेक सिद्धों का साधना स्थल रहा है।
(ग) उनकी उक्तियां लल्लवाक्य के नाम से जानी जाती हैं।
(घ) लल्लेश्वरी ने व्यापारी को आशीर्वाद देने के साथ एक सीख भी दी।
(ङ) उन्होंने व्यापारी को समझाया कि जीवन में प्रशंसा और निंदा पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
प्रश्न 10. श्रुतलेखः –
प्राकृतिक सौंदर्य आकर्षण भूमि प्रारंभिक
विशिष्ट सिद्धों योगिनी लल्लेश्वरी चौदहवीं
कवयित्री छब्बीस दीक्षा साधिका कीर्तन
मार्गदर्शन उक्तियाँ लल्लवाक्य सर्वप्रथम अनुभूतियों
समदर्शिता प्रज्ज्वलित लिपिबद्ध संप्रदाय सहिष्णु
काव्यात्मक तत्वज्ञान प्रशंसा सिक्का निंदा
Laleshwari Class 4 Hindi Chapter 3 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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