पाठ ” शेख मुहम्मद अब्दुल्ला” JKBOSE के कक्षा 4 (JKBOSE Class 4th Hindi) की पाठ्य-पुस्तक सरस भारती भाग 4 हिंदी का तीसरा पाठ है। यह पोस्ट Sheikh Mohammad Abdullah Chapter 3 Question Answers के बारे में है। इस पोस्ट में आप पाठ ” शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ” के शब्दार्थ, सारांश और उससे जुड़े प्रश्न उत्तर (Sheikh Mohammad Abdullah JKBOSE Question Answers) पढ़ेंगे। पिछली पोस्ट में, आपने Data Ranpat Class 4 Hindi Chapter 2 JKBOSE Question Answers के बारे में पढ़ा। आइए शुरू करें:
Sheikh Mohammad Abdullah Chapter 3 Question Answers
Sheikh Mohammad Abdullah Chapter Word Meaning (शेख मुहम्मद अब्दुल्ला शब्दार्थ)
शब्दों | अर्थ |
---|---|
शख्सी राज | एक व्यक्ति का शासन । |
निज़ाम | प्रबन्ध । |
कारागार | जेल स्वतंत्रता संग्राम आज़ादी की लड़ाई । |
अलावा | अतिरिक्त । |
मुक्त | आज़ाद, रिहा । |
इर्शाद | कथन । |
इत्तिहाद | एकता । |
प्रभाव | असर । |
अपार | अथाह । |
साबित करना | प्रमाणित करना । |
आजीवन | जीवन भर । |
Sheikh Mohammad Abdullah Chapter Explanation (शेख मुहम्मद अब्दुल्ला पाठ का सार)
शेख मुहम्मद अब्दुल्ला एक प्रमुख भारतीय नेता थे, जिन्हें “शेरे-कश्मीर” के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 5 दिसंबर 1905 ई० में श्रीनगर के “सऊरा” गाँव में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही शिक्षा में बड़ी रुचि दिखाई और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से एम.एस.सी. की उपाधि प्राप्त की। फिर उन्हें एक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया। । यह वह समय था जब हमारे यहाँ शख्सी राज था। जमींदार किसानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। लोग निर्धन थे।
थोड़े समय में ही शेख़ अब्दुल्ला यह समझ गए कि राज्य के सभी लोग जमींदार निज़ाम से तंग हैं। शेख अब्दुल्ला ने जमींदारों के खिलाफ आंदोलन चलाया और लोगों के अधिकारों की रक्षा की। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय कश्मीर के लिए आजादी की मांग करते रहे। शेख साहब ने 1946 ई० में “कश्मीर छोड़ दो” का आंदोलन चलाया । इस पर शेख साहब को कारागार में बन्द कर दिया गया ।
उन्हें तब मुक्त किया गया जब 1947 ई० में और पाकिस्तान ने कष्मीर को हड़पने के लिए आक्रमण कर दिया । शेख साहब ने जनता में जागृति पैदा की। हिंदू – मुसलमान – सिखों ने मिलकर पाकिस्तानी सेना का मुकाबला किया। । उस समय यह नारा यहाँ के बच्चे-बच्चे की जबान पर था :-
शेर-ए-कश्मीर का क्या इर्शाद
हिंदू, मुस्लिम, सिख इत्तिहाद ।
।उन्हें “शेरे-कश्मीर” का उपाधि दिया गया था क्योंकि उन्होंने अपने प्रयासों से अपने प्रदेश को स्वतंत्रता के मार्ग पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई।
इस नारे के प्रभाव और शेख साहब के अपार प्यार के कारण राज्य के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर रहने लगे । इस मेलजोल को देखकर 1947 में राष्ट्रपिता गाँधी ने कहा था कि मुझे इस समय देश के कश्मीर भाग में ही रोशनी की किरण दिखाई देती है
उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर धार्मिक और सामाजिक एकता को प्रोत्साहित किया और “नया कश्मीर” कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने भूमिहीन किसानों के लिए भूमि का वितरण किया और किसानों के हित में काम किया।
उन्हें 5 मार्च 1948 ई० को जम्मू-कश्मीर के “प्रधानमंत्री” का पद सौंपा गया। शेरे- कश्मीर स्वतंत्रता संग्राम के एक महान सिपाही, समाज- सुधारक, किसानों और मज़दूरों के प्यारे, कश्मीर के सच्चे सेवक और कुशल शासक थे । और उन्होंने गरीबों, दुखियों और पिछड़ों की सेवा की। उनकी आजीवन सेवाओं और अपने देशवासियों के लिए अपार योगदान के कारण उन्हें आज भी एक सच्चे और कुशल नेता के रूप में याद किया जाता है।
Sheikh Mohammad Abdullah JKBOSE Question Answers
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
(1) बताएँ और लिखें-
(क) शेरे – कश्मीर का असली नाम क्या था?
उत्तर – शेरे- कश्मीर का असली नाम ‘शेख मुहम्मद अब्दुल्ला’ था।
(ख) शेख साहब को कारागार में क्यों डाल दिया गया?
उत्तर – शेख साहब द्वारा सन् 1946 में जब राजशाही के खिलाफ ‘कश्मीर छोड़ दो’ आंदोलन चलाया गया तो उन्होंने इन्हें बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया।
(ग) शेख साहब ने कश्मीर में पाकिस्तानी आक्रमण के समय क्या नारा दिया?
उत्तर – पाकिस्तानी आक्रमण के समय शेख साहब ने हिंदू-मुस्लिम, सिख एकता का नारा देते हुए कहा – शेर-ए-कश्मीर का क्या इर्शाद, हिंदू, मुस्लिम, सिख इत्तिहाद ।
(घ) कश्मीर के मेल-जोल से प्रभावित होकर गाँधी जी ने क्या कहा था?
उत्तर – कश्मीर में सभी धर्मों के मेल-जोल से प्रभावित होकर गाँधी जी ने कहा था कि मुझे इस समय देश के कश्मीर भाग में ही रोशनी की किरण दिखाई देती है ।
(2) सही शब्दों से वाक्य पूरे करो: —
राजनीति, शेरे- कश्मीर, समाज-सुधारक, सऊरा, अलीगढ़ ।
(क) शेख साहब की बहादुरी के कारण उन्हें ……………. कहा जाता है ।
(ख) शेख साहब का जन्म स्थान ……………. है ।
(ग) शेख साहब ने …………….. विश्वविद्यालय से एम० एस-सी० की उपाधि प्राप्त की थी ।
(घ) शेख साहब ने यह साबित कर दिया कि ……………. में धर्म का कोई स्थान नहीं है ।
(च) शेख साहब बहुत बड़े समाज ……………. थे ।
उत्तर- (क) शेख साहब की बहादुरी के कारण उन्हें शेरे-कश्मीर कहा जाता है ।
(ख) शेख साहब का जन्म स्थान सऊरा है ।
(ग) शेख साहब ने अलीगढ़ विश्वविद्यालय से एम० एस-सी० की उपाधि प्राप्त की थी ।
(घ) शेख साहब ने यह साबित कर दिया कि राजनीति में धर्म का कोई स्थान नहीं है ।
(च) शेख साहब बहुत बड़े समाज सुधारक थे ।
(3) ‘क’ और ‘ख’ स्तंभों के वाक्यांशों को मिलाकर लिखें —
'क' | 'ख' |
---|---|
(1) शेख साहब बचपन से ही (2) नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर में (3) राजा के अधिकार (4) 'नेशनल कांफ्रेंस' सारे जम्मू-कश्मीर में (5) मुझे देश के कश्मीर भाग में ही | असीम थे। बड़े परिश्रमी और दयालु व्यक्ति थे । ज़िम्मेदार सरकार बनाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। रोशनी की किरण दिखाई देती है । लोकप्रिय हो गई। |
उत्तर- (1) शेख साहब बचपन से ही बड़े परिश्रमी और दयालु व्यक्ति थे ।
(2) नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर में ज़िम्मेदार सरकार बनाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया।
(3) राजा के अधिकार असीम थे ।
(4) ‘नेशनल कांफ्रेंस’ सारे जम्मू-कश्मीर में लोकप्रिय हो गई।
(5) मुझे देश के कश्मीर भाग में ही रोशनी की किरण दिखाई देती है ।
(4) वाक्यों में प्रयोग करें-
(धुन का पक्का, दम लेना, जोश भरना, अटूट अंग, रोशनी की किरण)
(4) वाक्यों में प्रयोग करें-
(धुन का पक्का, दम लेना, जोश भरना, अटूट अंग, रोशनी की किरण)
उत्तर- (1) धुन का पक्का = सुधीर की तरह अपनी धुन का पक्का आदमी मिला बहुत मुश्किल है।
(2) दम लेना = राजेश ने ठान लिया था की वो काम पूरा करके ही दम लेगा ।
(3) जोश भरना = संदीप माहेश्वरी के वीडियोस आपके अंदर जोश भरने का काम करते हैं।
(4) अटूट अंग = जम्मू-कश्मीर भारत देश का एक अटूट अंग है ।
(5) रोशनी की किरण = इस मुश्किल परिस्थिति में मुझे एक रोशनी की किरण दिखाई दी है ।
(5) सही कथन के आगे (🗸) तथा गलत कथन के आगे (x) का चिह्न लगाएँ-
(क) कश्मीर सरकार के शिक्षा विभाग में उन्होंने अध्यापक के रूप में कार्य किया । ( )
(ख) नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर में एक ज़िम्मेदार सरकार बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया था।
(ग) बाद में नेशनल कांफ्रेंस को मुस्लिम कांफ्रेंस में बदल दिया गया। ( )
(घ) 5 मार्च, सन् 1948 को शेख साहब को जम्मू- कश्मीर राज्य के प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया। ( )
(च) शेरे कश्मीर स्वतंत्रता संग्राम के महान् सिपाही थे। ( )
उत्तर— (क) कश्मीर सरकार के शिक्षा विभाग में उन्होंने अध्यापक के रूप में कार्य किया । (🗸)
(ख) नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर में एक ज़िम्मेदार सरकार बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया था। (🗸)
(ग) बाद में नेशनल कांफ्रेंस को मुस्लिम कांफ्रेंस में बदल दिया गया। (x)
(घ) 5 मार्च, सन् 1948 को शेख साहब को जम्मू- कश्मीर राज्य के प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया। (🗸)
(च) शेरे कश्मीर स्वतंत्रता संग्राम के महान् सिपाही थे। (🗸)
(6) विलोम शब्द ढूँढ़कर खाली स्थान में लिखें-
योग्य = पुराना
आरंभ = कैद
गरीब = अयोग्य
मुक्त = अमीर
नया = सुख
दुःख = अंत
उत्तर- योग्य – अयोग्य
आरंभ = अंत
गरीब = अमीर
मुक्त = कैद
नया = पुराना
दुःख = सुख
धर्म = अधर्म
(7) पढ़ें, समझें और लिखें-
रुपया, गुरु, रुक, पुरुष, रूप, शुरू, रूई, स्वरूप।
उत्तर – विद्यार्थी र (ु ) और रू (ू) मात्राओं के सही प्रयोग को समझें )
(8) पढ़ें और लिखें: — मुझे देश के कश्मीर भाग में ही रोशनी की किरण दिखाई देती है ।
उत्तर— विद्यार्थी गांधीजी के कहे हुए इस कथन पर एक लेख लिखने का प्रयास करें।
(9) श्रुतलेख
उत्तर— स्वयं करें।
Sheikh Mohammad Abdullah Chapter 3 Question Answers के बारे में बस इतना ही। आशा है कि आपको यह उपयोगी लगा होगा। आप इस पोस्ट के बारे में अपने विचार नीचे टिप्पणी अनुभाग (comment section) में साझा करें।
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